Edited By Seema Sharma,Updated: 21 Dec, 2018 12:44 PM
सरकारी जांच एजेंसियां अब कभी भी आपके कंप्यूटर डेटा की जांच के लिए आपके दरवाजे पर दस्तक दे सकती हैं। केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में 10 एजेंसियों को अधिकार दिए गए हैं कि वे इंटरसेप्शन, मॉनिटरिंग
नई दिल्लीः सरकारी जांच एजेंसियां अब कभी भी आपके कंप्यूटर डेटा की जांच के लिए आपके दरवाजे पर दस्तक दे सकती हैं। केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में 10 एजेंसियों को अधिकार दिए गए हैं कि वे इंटरसेप्शन, मॉनिटरिंग और डिक्रिप्शन के मकसद से किसी भी कंप्यूटर के डेटा को खंगाल सकती हैं। आपके कंप्यूटर पर क्या चल रहा है अब जांच एजेंसियों की इसकी जासूस करने की परमिशन है। ये जांच एजेंसियां किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर में जेनरेट, ट्रांसमिट, रिसीव और स्टोर किए गए किसी दस्तावेज को देख सकती हैं।
ये एजेंसियां कर सकती हैं कंप्यूटर डेटा की जांच
- इंटेलिजेंस ब्यूरो
- नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो
- प्रवर्तन निदेशालय
- सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स
- डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस
- सीबीआई
- एनआईए
- कैबिनेट सेक्रेटेरिएट (रॉ)
- डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस
- दिल्ली के कमिश्नर ऑफ पुलिस को गृह मंत्रालय की तरफ से देश में चलने वाले सभी कंप्यूटर की जासूसी की मंजूरी दी गई है।
कांग्रेस-असदुद्दीन ओवैसी ने किया विरोध
सरकार की निजता पर वार को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि अब पता चला घर-घर मोदी कैसे है। ओवैसी ने ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार पर तंज कसा कि अब समझ में आया कि घर-घर मोदी का मतलब क्या है। उन्होंने कहा कि मोदी ने राष्ट्रीय एजेंसियों को हमारी बातचीत की जासूसी का आदेश पारित कर दिया है। वहीं कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार लोगों की निजता में सेंध मार रही है। सरकार के फैसले पर नाराजगी जताते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा के नारे की तर्ज पर कहा कि अबकी बार, निजता पर वार।