Edited By ,Updated: 11 May, 2017 09:38 PM
दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिला से राजपूताना रायफल्स में तैनात सेना के लेफ्टिनेंट उमर फयाज के लिए उनकी पहली छुट्टी ही जिंदगी की आखिरी छुट्टी बन गई।
श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिला से राजपूताना रायफल्स में तैनात सेना के लेफ्टिनेंट उमर फयाज के लिए उनकी पहली छुट्टी ही जिंदगी की आखिरी छुट्टी बन गई। आतंकियों ने फयाज को शादी समारोह से अगवा कर उनकी हत्या कर दी। बुधवार को कुलगाम में उसके पैतृक निवासी पर उनको अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान काफी संख्या में लोगों ने फयाज के जनाजे में पहुंचकर उनको श्रद्धांजलि दी। 10 दिसंबर 2016 का वो दिन जब फयाज अहमद पैरी के घर खुशियां आईं थी। इसी दिन फयाज ने भारतीय सेना में एक अफसर के तौर पर कमीशन पूरा किया था। लेकिन आज घर में सभी के आंखों में आंसू है। फयाज चला गया।
फैयाज अहमद पैरी के पिता अपने बेटे की मौत से इस कदर दुखी हैं कि किसी से भी बात नहीं कर रहे हैं। आठ जून 1994 को जन्मे लेफ्टिनेंट फैयाज को 12 मई को ड्यूटी ज्वॉइन करनी थी। लेकिन उससे दो दिन पहले ही आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी। उमर के चाचा मंजर अहमद पैरी ने बताया कि जैसे-जैसे बहन की शादी की तारीख नजदीक आ रही थी। बहन बार-बार फयाज को फोन कर पूछती कि शादी में शरीक होने कब आ रहे हैं।
बता दें कि जम्मू के अखनूर में तैनात लेफ्टिनेंट उमर फयाज शोपियां में एक शादी समारोह में छुट्टी लेकर गए थे। इसी दौरान आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया। बुधवार सुबह शोपियां में लेफ्टिनेंट का शव बरामद किया गया। शव पर गोलियों के निशान मिले हैं। पुलिस का कहना है कि आतंकी उमर को एक बाग में ले गए। आतंकियों ने वहां उन्हें पांच गोलियां मारीं। बाद में एक स्थानीय शख्स को उनका शव मिला, जिसकी जानकारी उसने पुलिस को दी।