Edited By Monika Jamwal,Updated: 27 Oct, 2020 09:03 PM
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को विभिन्न कार्यक्रमों के तहत केंद्र शासित प्रदेश के नवोदित उद्यमियों के लिए 10 हजार से अधिक ऋण मामलों को मंजूरी देने की घोषणा की।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को विभिन्न कार्यक्रमों के तहत केंद्र शासित प्रदेश के नवोदित उद्यमियों के लिए 10 हजार से अधिक ऋण मामलों को मंजूरी देने की घोषणा की। सिन्हा ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के लिए उनका मंत्र चार 'पीज्ज्...पीस (शांति), प्रोसपेरिटी (समृद्धि), प्रोगरेस (प्रगति) और पीपुल (जनता) के इर्द-गिर्द घूमता है। उन्होंने कहा,'v3 (गांव वापसी-३) स्वरोजगार कार्यक्रम, आर्थिक पैकेज और च्मेरा कस्बा-मेरा अभिमान' के तहत 10,000 से अधिक ऋण मामलों को मंजूरी देने से युवाओं को सशक्त बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता दिखाई गयी है जो जम्मू-कश्मीर सरकार की सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में से एक है।
सिन्हा ने कहा कि 15,309 आवेदन प्राप्त हुए थे जिनमें से 10,828 को मंजूरी दी गई है और बी२वी३ के तहत 6,734 आवेदकों को 100 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने पंचायत में कम से कम दो लोगों को शामिल करने का लक्ष्य रखा था जिन्हें स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि प्रशासन प्रदेश के हर उस व्यक्ति की आवश्यकता पूरी करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो अपना खुद का व्यवसाय स्थापित करना चाहता है।
सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर बैंक का ना केवल इन उद्यमियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने बल्कि स्वरोजगार का विकल्प चुनने वाले युवाओं का हाथ पकड़ कर उन्हें रास्ता दिखाने के लिए भी धन्यवाद दिया। उपराज्यपाल ने बैंक को 250 करोड़ रुपये का चेक भी सौंपा। व्यवसायी समुदाय को आवश्यक राहत प्रदान करते हुए, उपराज्यपाल ने यह भी घोषणा की कि अगले साल एक जनवरी से जीएसटी की प्रतिपूर्ति समय पर और स्वचालित रूप से बिना किसी देरी के की जाएगी।