Edited By vasudha,Updated: 03 Jul, 2020 09:58 AM
साल 2020 दुनिया के लिए कई उतार-चढ़ाव लेकर आया है। इस वर्ष छह ग्रहण होंगे जिनमें चार चंद्र और दो सूर्य हैं। 21 जून को सूर्य ग्रहण अब 5 जुलाई को फिर से उपच्छाया चंद्रग्रहण लगने वाला है। करीब पचास साल के बाद तीस दिनों के अंदर तीन ग्रहण का संयोग आया...
नेशनल डेस्क: साल 2020 दुनिया के लिए कई उतार-चढ़ाव लेकर आया है। इस वर्ष छह ग्रहण होंगे जिनमें चार चंद्र और दो सूर्य हैं। 21 जून को सूर्य ग्रहण अब 5 जुलाई को फिर से उपच्छाया चंद्रग्रहण लगने वाला है। करीब पचास साल के बाद तीस दिनों के अंदर तीन ग्रहण का संयोग आया है।
इन देशों में नजर आएगा ग्रहण
5 जुलाई को लगने वाले ग्रहण के दौरान चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ेगी, जिसकी इसकी अवधि करीब सवा तीन घंटे होगी। इस ग्रहण को एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका, साउथ अमेरिका और अटलांटिक ओशन क्षेत्र में देखा जा सकेगा। इसके अलावा दक्षिणी-पश्चिमी यूरोप और हिंद महासागर के इलाके में भी यह नजर आएगा। भारत में चंद्र ग्रहण का समय दोपहर 3 बजकर 7 मिनट से रात के 8 बजकर 37 मिनट और 23 सेकंड तक होगा। दिन होने के कारण हम चंद्रग्रहण को यहां देख नहीं पाएंगे।
क्यों लगता है उपच्छाया चंद्रग्रहण
उपच्छाया चंद्रग्रहण में चंद्रमा के आकार पर कोई प्रभाव नही पड़ता। इसमें चंद्रमा की चांदनी में धुंधलापन आ जाता है। विज्ञानिकों के मुताबिक, ऐसा ग्रहण तब लगता है जब सूरज, धरती और चांद एक सीध में नहीं आ पाते। सूरज की रोशन का कुछ हिस्सा चांद की सतह तक पहुंचने से धरती रोक लेती है। तब चांद की बाहरी की बाहरी सतह के पूरे हिस्से को धरती कवर कर लेती है जिसे उपच्छाया कहते हैं।
नंगी आंखों से देख सकते हैं ग्रहण
उपच्छाया के अलावा दो प्रकार के ग्रहण और होते हैं। पूर्ण चंद्रग्रहण जिसमें धरती पूरी तरह से चांद को ढंक देती है। आंशिक चंद्रग्रहण में चांद की सतह का कुछ हिस्सा दिखता रहता है। चंद्रग्रहण को देखने के लिए किसी विशेष सावधानी की जरूरत नहीं होती है। यह पूरी तरह से सुरक्षित होता है इसलिए आप इसे नंगी आंखों से देख सकते हैं।