पेरिस समझौते से पीछे हटने पर मैक्रों ने ट्रंप पर ली चुटकी, भारत के प्रयासों को सराहा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Mar, 2018 08:17 PM

macrons take a pinch on the trumpet after retreating from paris settlement

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) को वास्तविकता बनाने के लिए भारत एवं अन्य देशों के प्रयासों की सराहना की, वहीं उन्होंने पेरिस जलवायु समझौते से पीछे हटने के लिए अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बगैर...

नई दिल्ली: फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) को वास्तविकता बनाने के लिए भारत एवं अन्य देशों के प्रयासों की सराहना की, वहीं उन्होंने पेरिस जलवायु समझौते से पीछे हटने के लिए अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बगैर उन पर चुटकी ली। मैक्रों रविवार को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थापना पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

जब वह महिला सौर इंजीनियरों के एक समूह ‘सौरमाताओं’ की तारीफ कर रहे थे तो उसी समय उन्होंने पेरिस जलवायु समझौता छोडऩे वाले देशों का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में मैक्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री जी, आपने एक स्वप्न देखा था और हमने इसे कर दिखाया। यह इस अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के बारे में था। दो साल पहले, यह मात्र एक विचार था और हम सबने इस पर तेजी से काम करने का निर्णय किया और आज यह एक बड़ा परिवर्तन है।

‘सौर माताओं’ के प्रयासों पर खुशी जताते हुए उन्होंने उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारी सौर मांओं ने हमारा इंतजार भी नहीं किया। उन्होंने काम करना शुरू कर दिया और पूर्ण परिणाम भी दिए। उन्होंने प्रतीक्षा नहीं की और ना ही वे सिर्फ इसलिए रुकीं कि कुछ देशों (अमेरिका एवं अन्य) ने मैदान छोडऩे और पेरिस समझौते से हटने का निर्णय किया है।क्योंकि, उन्होंने (आईएसए के सदस्य देश) यह तय किया कि यह उनके बच्चों और नाती- पोतों के लिए अच्छा है। उन्होंने इस पर काम करने का और करते रहने का निर्णय किया।

उनका यह इशारा अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप के पेरिस जलवायु समझौते से बाहर होने की ओर था। इस समझौते पर दिसंबर 2015 में करीब 200 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं। इसका लक्ष्य पर्यावरण को प्रदूषित करने वाली गैसों के उत्सर्जन में कमी लाना और वैश्विक तापमान में वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस की सीमा में रखना है। पिछले साल नवंबर में सीरिया ने भी इस पर हस्ताक्षर कर दिए और अब दुनिया में केवल अमरीका ऐसा देश बचा है जो इस समझौते का हिस्सा नहीं है। रोचक बात यह है कि फ्रांस आईएसए के स्थापना सम्मेलन का सह-मेजबान देश भी है। आईएसए 121 देशों की सरकारों के बीच हस्ताक्षरित एक संधि आधारित गठबंधन है। 

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