Edited By Yaspal,Updated: 30 Jul, 2018 07:49 PM
जमीअत उलेमा ए हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की अंतिम सूची में असम के 40 लाख से अधिक नागरिकों का नाम शामिल न होना एक बड़ा और गंभीर समस्या है जिसके कारण देश के सामाजिक और भौगोलिक ताने-बाने पर गहरा असर होगा।
नई दिल्लीः जमीअत उलेमा ए हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की अंतिम सूची में असम के 40 लाख से अधिक नागरिकों का नाम शामिल न होना एक बड़ा और गंभीर समस्या है जिसके कारण देश के सामाजिक और भौगोलिक ताने-बाने पर गहरा असर होगा।
मदनी ने कहा कि जमीअत उलेमा ए हिंद इस समस्या पर काफी चिंतित है और वह असम के लोगों के अधिकार के लिए हर स्तर पर प्रतिबद्ध है और रहेगी। साथ ही इससे संबंधित उच्च्तम न्यायालय में कानूनी लड़ाई जारी रखेगी। उन्होंने असम के लोगों से विशेष अपील की है कि वे अपनी हिम्मत न हारें, जो स्थिति भी पैदा हुई है, इसको कानूनी रूप से सही करना हम सभी की जिम्मेदारी है, जिन लोगों का नाम नहीं आया है वे गंभीरता के साथ सभी आवश्यक कदम, बुनियादी जानकारी और दस्तावेज इकट्ठा करें।
उन्होंने कहा कि जमीअत उलेमा ए हिंद की सभी इकाइयों को असम में हिदायत दी गई है कि पीड़ितों के लिए कागजात की तैयारी में जुट जाएं और लोगों का सहयोग करें।