Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Dec, 2017 08:56 AM
मेड इन इंडिया यात्री विमानों का जल्द व्यावसायिक इस्तेमाल शुरू हो सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लि. (एचएएल) ने इस काम के लिए अपने 19 सीटों के डॉॢनयर विमानों का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है जिससे इन विमानों की व्यावसायिक...
नई दिल्ली: मेड इन इंडिया यात्री विमानों का जल्द व्यावसायिक इस्तेमाल शुरू हो सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लि. (एचएएल) ने इस काम के लिए अपने 19 सीटों के डॉॢनयर विमानों का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है जिससे इन विमानों की व्यावसायिक उड़ानों का रास्ता खुल गया है। अधिकारियों का कहना है कि हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स को इसी सप्ताह नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) का आवश्यक प्रमाणन मिल सकता है। इसके बाद डॉर्नियर विमानों का व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। एचएएल ने 19 सीटों के डॉर्नियर 228 विमान का विनिर्माण स्विस प्रौद्योगिकी कंपनी आरयूएजी से लाइसेंस के तहत रक्षा बलों और यूरोपीय बाजारों के लिए करती रही है।
कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि एचएएल ने वाणिज्यिक उड़ान सेवाओं में इस्तेमाल के लिए डॉर्नियरकी परीक्षण उड़ान कानपुर में की है, जो सफल रही है। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रमाणन की प्रक्रिया पूरी कर एचएएल को इसके लिए 28 दिसंबर तक औपचारिक मंजूरी मिल सकती है। कंपनी के अधिकारी ने कहा कि नियामक ने पहले ही विमान को उडऩे योग्य का प्रमाणपत्र दे दिया है। विमान की परीक्षण उड़ान की डीजीसीए ने निगरानी की थी। डॉर्नियर 228 की व्यावसायिक उड़ान से सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को प्रोत्साहन मिलेगा। अभी तक घरेलू एयरलाइंस सभी आकारों तथा वजन वाले विमानों की खरीदे विदेशों से करती हैं।
इसके अलावा माना जा रहा है कि एचएएल विनिर्मित विमान से सरकार की महत्वाकांक्षी उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना को भी बढ़ावा मिलेगा। यह योजना उचित कीमत पर विमान सुविधाओं से वंचित या कम उड़ानों वाले क्षेत्रों के लिए है। यह पूछे जाने पर कि एचएएल कैसे आर्डर आने के बाद डॉॢनयर विमानों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित कर पाएगी, अधिकारी ने कहा कि कंपनी ने कानपुर में पहले ही विशेष असेंबली लाइन शुरू कर दी है। अधिकारी ने कहा, ‘‘सभी कुछ एयरलाइंस से मिलने वाले आर्डरों पर निर्भर करेगा। हमें देखना और इंतजार करना होगा।’’ इससे पहले इसी महीने नागर विमानन मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा था कि सरकार नागरिक इस्तेमाल के लिए विमान के विनिर्माण पर विचार कर रही है और वह इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगी।