शादी में लाखों रुपए खर्च करने वाले लोगों के लिए मिसाल बनी ये शादी, हर तरफ हो रही चर्चा

Edited By Anil dev,Updated: 10 Dec, 2019 05:32 PM

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मध्यप्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय पर एक युवक-युवती खर्चीली शादियों को रोकने का संदेश देने के लिए संविधान की शपथ लेते हुए एक दूजे के हो गए। सिविल इंजीनियरिंग में एमटेक तथा पेशे से कॉन्ट्रैक्टर कसरावद निवासी 26 वर्षीय वज्र कलमे ने बीती रात खरगोन की...

खरगोन: मध्यप्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय पर एक युवक-युवती खर्चीली शादियों को रोकने का संदेश देने के लिए संविधान की शपथ लेते हुए एक दूजे के हो गए। सिविल इंजीनियरिंग में एमटेक तथा पेशे से कॉन्ट्रैक्टर कसरावद निवासी 26 वर्षीय वज्र कलमे ने बीती रात खरगोन की अंजलि रोकड़े (24) से चंद मिनटों के भीतर ही बेहद सादे समारोह में विवाह कर लिया। 


संविधान की प्रति की शपथ लेते संपन्न हुई शादी
इस विवाह में उन्होंने किसी भी रीति रिवाज, लेन देन, दहेज, पटाखे, प्लास्टिक डिस्पोजल्स से गुरेज रख संविधान की प्रति की शपथ लेते हुए इसे संपन्न किया। मित्रों के उत्साह के मद्देनजर बैंड बाजों के साथ केवल थोड़ी देर के लिए नृत्य हुआ। वज्र ने बताया कि समाज में फैले अंधविश्वास, कुरीतियों व खर्चीली शादियों के चलते लोग क्षमता से अधिक खर्च कर कर्ज में डूब जाते हैं। इसे रोकने के लिए उन्होंने इस तरह की शादी करने का फैसला किया, और देश में सर्वोच्च माने जाने वाले संविधान की शपथ के साथ कुंदा नदी के तट पर स्थित एक धर्मशाला में इसे संपन्न किया। उन्होंने बताया कि उनकी बड़ी बहन व एक भाई की शादी में भी दहेज प्रथा को नहीं अपनाया गया था। 


रीति-रिवाज के नाम पर केवल वरमाला की परम्परा ही संपादित हुई 
शिक्षक पिता की मृत्यु के उपरांत उनकी देह को कलमे परिवार ने मेडिकल कॉलेज को दान कर एक मिसाल कायम की थी। वज्र ने कहा कि वे आर्थिक रूप से सक्षम हैं, इसलिए उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति न लेते हुए अपनी आय का 20 प्रतिशत निशुल्क कोचिंग कराने वाली संस्था को देने का फैसला लिया और विगत कुछ वर्षों में 1500 छात्र इससे लाभान्वित हुए हैं तथा कई लोगों को रोजगार मिला है। नव वधु अंजलि रोकड़े ने बताया कि फिजूलखर्ची रोकने के लिए दूसरों से उम्मीद करना बेमानी है, इसलिए उन्होंने बदलाव के लिए स्वयं की शादी से ही शुरुआत की और रीति-रिवाज के नाम पर केवल वरमाला की परम्परा ही संपादित हुई । अंबेडकर सोशल वेलफेयर ग्रुप के रामेश्वर बडोले ने बताया कि क्षेत्र में पहली बार संविधान की शपथ लेकर कोई विवाह संपन्न हुआ है। 

 

कोर्ट मैरिज करके  विवाह को कानूनी मान्यता करेंगे प्रदान 
शपथ में पति-पत्नी के रूप में स्वीकार करने के अलावा उन्होंने एक दूसरे की स्वतंत्रता, स्वाभिमान, विचारों का सम्मान करने और हिंसा से दूर रहने, निशुल्क शिक्षा और जरूरतमंद लोगों की मदद करने, जातिवाद, सांप्रदायिकता का विरोध करने के साथ साथ देहदान, अंगदान ,नेत्रदान ,रक्तदान के लिए प्रेरणा देने व समाज में फैले अंधविश्वास व कुरीतियों से जुड़े रिवाजों को बंद करने की शपथ ली। वज्र ने बताया कि उन्होंने 10 दिन पूर्व कोर्ट मैरिज के लिए पंजीकरण कराया है और वह शीघ्र ही कोर्ट मैरिज भी करके अपने विवाह को कानूनी मान्यता भी प्रदान करेंगे। 

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