इस बेबस पिता की दास्तां पढ़ रो पड़ेंगे आप!

Edited By ,Updated: 16 Dec, 2016 05:20 PM

madhya pradesh shocking story of a man

मध्य प्रदेश के बैतूल में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर हालत हमेशा सुर्खियों में रही है।

बैतूलः मध्य प्रदेश के बैतूल में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर हालत हमेशा सुर्खियों में रही है। हाल ही में यहां स्वास्थ्य सेवाओं की नाकामी का एक ऐसा नजारा दिखाई दिया जिसे देखकर लोगों की आंखें नम हो गईं। दरअसल, आठनेर ब्लॉक के मोरंड गांव का रहने वाला देवीराम नाम का एक आदिवासी अपने बेटे को कंधे पर उठाए घूम रहा था, जब उससे इसकी वजह पूछी गई तो मालूम चला कि उसके 12 साल के बेटे का एक पैर पिछले 6 महीने से फ्रैक्चर है। 

कंधे पर उठाने काे मजबूर
नीलेश 6 महीने पहले गांव में खेलते हुए पेड़ से गिर गया था। इस हादसे में नीलेश का एक पैर फ्रैक्चर हो गया। गांव व जिला अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और सरकारी मदद ना मिलने के चलते अब वो कर्ज लेकर अपने बेटे का इलाज निजी अस्पताल में करवा रहा है। पैसे बचाने के लिए यह पिता अपने बेटे को कंधे पर लेकर घूमने के लिए मजबूर है। अब तक नीलेश के तीन ऑपरेशन हुए हैं। बेटे की जान बचाने के लिए देवीराम अब तक एक लाख से ज्यादा कर्ज ले चुका है। हफ्ते में एक बार उसे बेटे की मरहम पट्टी करवाने लंबा सफर तय करके बैतूल आना पड़ता है।

कर्जदार हुअा पिता
देवीराम इतना दर्द सहने के बाद भी मुस्कुराता है। उसका कहना है कि बेटे के इलाज के बाद कर्ज उतारने के लिए वो कर्जदारों के यहां बंधुआ मजदूरी करेगा और दूसरा चारा ही नहीं है। इस मामले को लेकर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा से चर्चा की गई। सिविल सर्जन के मुताबिक नीलेश का इलाज जिला अस्पताल में संभव ही नहीं है लेकिन जहां तक उसकी मदद की बात है तो जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों से बात करके ही कुछ किया जा सकता है। इसके अलावा वो सीएम के पास भी एक पत्र भेजकर मदद मांगेंगे।

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