दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला शुरु, देंखें शाही स्नान की खास तस्वीरें

Edited By ,Updated: 23 Apr, 2016 03:16 PM

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मध्य प्रदेश के उज्जैन में दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला सिंहस्थ महापर्व शुरु हो चुका है। 22 अप्रैल से शुरु हुए इस मेले में बड़ी संख्या में साधुओं ने ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाते हुए अपने शिष्यों के साथ.....

उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन में दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला सिंहस्थ महापर्व शुरु हो चुका है। 22 अप्रैल से शुरु हुए इस मेले में बड़ी संख्या में साधुओं ने ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाते हुए अपने शिष्यों के साथ आज यहां शुरु हुए धर्म, आस्था और श्रद्धा के महापर्व सिंहस्थ कुंभ मेले के पहले दिन रामघाट पर क्षिप्रा नदी में शाही स्नान किया।  देश और विश्व के विभिन्न हिस्सों से आये लोग हिंदुओं के सबसे बड़े समागम सिंहस्थ कुंभ में हिस्सा ले रहे हैं। पहली बार किन्नरों ने भी मेला क्षेत्र में अपना ‘अखाड़ा’ स्थापित किया है और नौ मई को क्षिप्रा नदी के गंधर्व घाट पर शाही स्नान करने की घोषणा की है। सिंहस्थ कुंभ महीने भर चलेगा।  एक फ्रांसीसी जॉर्ज सौक ने कहा, ‘‘मैं लोगों के इस कमाल के समागम का हिस्सा बनकर अभिभूत हूं। मैं यहां कल आया था।’’  

उन्होंने कहा कि वह पेरिस से 12 व्यक्तियों के समूह के साथ आए थे। रामघाट पर विभिन्न पहनावे वाले साधुओं की तस्वीरें लेने में लगे जॉर्ज ने कहा, ‘‘हमने इसके बारे में पता चलने पर यहां इस बड़े समागम को देखने का फैसला किया।’’  त्रिवेणी देवी (76) क्षिप्रा में डुबकी लगाने के लिए हैदराबाद से अपने पति दुर्गा प्रसाद (82) के साथ आयी हैं। वह अपने पैरों पर चल नहीं सकती इसलिए व्हीलयेयर पर आयी हैं। क्षिप्रा नदी में नर्मदा का पानी डाला गया है ताकि इस मौके पर लोग उसमें स्नान कर सकें।  त्रिवेणी ने कहा कि शाही स्नान करके वह बहुत खुश हैं। 

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने सिंहस्थ कुंभ के पहले दिन गौघाट पर स्नान किया। सुबह करीब सवा आठ बजे रामघाट के प्रवेश स्थल छोटी पुल क्षेत्र में भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई जब बड़ी संया में साधु शाही स्नान के लिए बढ़े। यद्यपि अधिकारियों ने स्थिति तुरंत ही नियंत्रित कर ली। बड़े उदासीन अखाड़े के महंत रघु मुनी महाराज अन्य के साथ मेला क्षेत्र में वाहनों के आवागमन के खिलाफ कुछ समय के लिए रामघाट पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि वाहनों की आवाजाही से संतों को घाट की आेर जाने में बाधा उत्पन्न हो रही है। 

यद्यपि सरकारी अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने अपना धरना समाप्त कर दिया। इससे पहले कुंभ मेला की शुरूआत जूना अखाड़े के नागा साधुओं के सुबह पांच बजे नदी में उतरने के साथ हुई। अखाड़े के प्रमुख अवधेशानंदजी महाराज एक बड़े जुलूस में आये और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शाही स्नान किया।  उज्जैन रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) मधु कुमार ने  कहा, ‘‘वर्तमान में सभी चीजें सुचारु रुप से चल रही हैं। शाही स्नान के लिए केंद्रीय बलों सहित 25,000 सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है।’’ 

क्षिप्रा नदी के घाटों की आेर जाने वाली सड़कों पर लाखों लोग एकत्रित थे और मेले में शाही स्नान करने के लिए पंक्तियों में खड़े थे। सिंहस्थ कुंभ का आयोजन 12 वर्ष के बाद हो रहा है। उज्जैन में भगवान महाकालेश्वर का मंदिर है जो देश के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक है।  मेले की पूर्व संध्या पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कल भोपाल में कहा, ‘‘मेले के दौरान उज्जैन और अन्य पवित्र स्थलों पर पांच करोड़ से अधिक लोगों के पहुंचने का अनुमान है। इसके लिए सुरक्षा से लेकर हर तरह के इंतजाम किए गए हैं।’’ 

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