Edited By Anil dev,Updated: 04 Jul, 2018 05:21 PM
मद्रास उच्च न्यायालय का कहना है कि तमिलनाडु सरकार को सप्ताह में एक दिन पुलिसकर्मियो को अवकाश देने पर विचार करना चाहिए , जैसा कि हर सरकारी कर्मचारी को दिया जाता है। ताकि वह अपने परिवार के साथ समय बिता पाएं। पुलिस बल शिविर की मौजूदा प्रणाली को समाप्त...
चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय का कहना है कि तमिलनाडु सरकार को सप्ताह में एक दिन पुलिसकर्मियो को अवकाश देने पर विचार करना चाहिए , जैसा कि हर सरकारी कर्मचारी को दिया जाता है। ताकि वह अपने परिवार के साथ समय बिता पाएं। पुलिस बल शिविर की मौजूदा प्रणाली को समाप्त करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एन किरुबाकरन ने कहा , ‘‘ हर सरकारी कर्मचारी को सप्ताह में एक दिन अवकाश मिलता है ताकि वह अपने परिवार वालों के साथ समय बिता पाएं। इसी तरह पुलिस र्किमयों को सप्ताह में एक दिन का अवकाश क्यों नहीं दिया जा सकता ?’’ उन्होंने पाया , ‘‘ इससे उन्हें खुद को तरोताजा करने में मदद मिलेगी और उनका तनाव कम होगा। ’’
पुलिसवालों को करना पड़ता है मानसिक पीड़ा का सामना
न्यायमूर्ति ने अतिरिक्त महाधिवक्ता जनरल पी एच अरविंद पांडियन को उच्च अधिकारियों से इस संबंध में सलाह लेने और वह किस तारीख से इन निर्देशों को क्रियान्वित कर सकते हैं इसका उल्लेख करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने पाया कि पुलिसकर्मियों को चौबीस घंटे काम करना पड़ता है। इससे उन्हें और उनके परिवार को तनाव एवं मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ता है। इसे पुलिस अधिकारियों द्वारा किए विकृत कृत्यों के लिए जिम्मेदार बताते हुए उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों के लिए प्रेरक माहौल का निर्माण किया जाना चाहिए जिससे समाज हित में उनका मनोबल बढ़ा रहेगा। उन्होंने कहा , ‘‘ कम से कम एक दिन का अवकाश जरूरी है जो उनके और उनके परिवार वालों के लिए मददगार होगा। ’’