महाराष्ट्र: काम से छुट्टी न लेनी पड़े इसलिए 30,000 महिलाओं ने निकलवाया गर्भाशय

Edited By Yaspal,Updated: 25 Dec, 2019 08:48 PM

maharashtra 30 000 women have their uterus

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितिन राउत ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखकर अनुरोद किया है कि वह मजदूरी बचाने के लिए गन्ना श्रमिक महिलाओं द्वारा अपना गर्भाशय निकलवाने की घटनाओं पर रोक लगाने की खातिर मा...

नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितिन राउत ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखकर अनुरोद किया है कि वह मजदूरी बचाने के लिए गन्ना श्रमिक महिलाओं द्वारा अपना गर्भाशय निकलवाने की घटनाओं पर रोक लगाने की खातिर मामले में हस्तक्षेप करें।

नितिन राउत का कहना है कि मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में बड़ी संख्या में गन्ना श्रमिक हैं, जिनमें खासी संख्या महिलाओं की है। मंगलवार को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि माहवारी के दिनों में बड़ी संख्या में महिला मजदूर काम नहीं करती हैं। काम पर न जाने के कारण उन्हें मजदूरी नहीं मिलती है। ऐसे में पैसों की तंगी से बचने के लिए महिलाएं अपना गर्भाशय ही निकलवा दे रही हैं, ताकि माहवारी ना हो और उन्हें काम से छुट्टी ने करनी पड़े।

कांग्रेस नेता राउत का कहना है कि ऐसी घटनाओं की संख्या करीब 30,000 है। राउत का कहना है कि गन्ने का सीजन छह महीने का होता है। इन महीनों में अगर गन्ना पेराई फैक्टरियां प्रति महीने चार दिन की मजदूरी देने के राजी हो जाएं, तो इस समस्या का समाधान निकल सकता है।

मंत्री ने किया अनुरोध
कांग्रेस नेता राउत ने अपने पत्र में ठाकरे से अनुरोध किया है कि वह मानवीय आधार पर मराठवाड़ा क्षेत्र की इन गन्ना महिला मजदूरों की समस्या के समाधान के लिए संबंधित विभाग को आदेश दें। नितिन राउत के पास पीडब्ल्यूडी, आदिवासी मामले, महिला एवं बाल विकास, कपड़ा, राहत एवं पुनर्वास मंत्रालय विभाग हैं। महाराष्ट्र की ठाकरे नीत गठबंधन सरकार में शिवसेना के अलावा कांग्रेस और एनसीपी भी शामिल हैं।

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