शिवसेना का वैचारिक रूप से विरोधी दलों के साथ रहा है इतिहास, जानें कौन सी पर्टियां रहीं साथी

Edited By Anil dev,Updated: 29 Nov, 2019 04:10 PM

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महाराष्ट्र (Maharashtra) में विधानसभा चुनाव (Assembly election) के दौरान मुंबई (Mumbai) के कई इलाकों में ऐसे पोस्टर लाए गए जिसमें बाल ठाकरे (Bal Thackeray) और इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के बीच 70 के दशक में मुलाकात की तस्वीरें थीं,

नई दिल्ली: महाराष्ट्र (Maharashtra) में विधानसभा चुनाव (Assembly election) के दौरान मुंबई (Mumbai) के कई इलाकों में ऐसे पोस्टर लाए गए जिसमें बाल ठाकरे (Bal Thackeray) और इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के बीच 70 के दशक में मुलाकात की तस्वीरें थीं, और इसके अलावा एनसीपी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) की भी तस्वीर थी। वहीं चुनाव के बाद कांग्रेस (Congress) और एनसीपी के साथ गठबंधन कर शिवसेना (Shivsena) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने गुरुवार को सीएम पद की शपथ ली।

शिवसेना का इतिहास वैचारिक विरोधियों के साथ सहयोगात्मक रहा है
मराहाष्ट्र में शिवसेनाी, कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन उन लोगों के लिए चौंकाने वाली बात है जिनको पता है कि शिवसेना हिंदुत्व की राजनीति के लिए जाना जाता है। अलग-अलग विचारधारा रखने वाली पार्टियों ने मिलकर सरकार चलाने का फैसला किया है। ये पहली बार नहीं है शिवसेना का इतिहास वैचारिक विरोधियों के साथ सहयोगात्मक रुख करने और तालमेल का रहा है। इसमें शिवसेना द्वारा राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों का समर्थन करना, सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव में कोइ उम्मीदवार खड़ा न करना, मुस्लिम लीग के साथ तालमेल शामिल है। 

पहले भी कांग्रेस के साथ किया तालमेल
धवन कुलकर्णी अपने लेख में कहते है कि 1966 में बाल ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना ने पांच दशक से अधिक इतिहास में कांग्रेस (ओ) के साथ औपचारिक और अनौपचारिक तालमेल किए हैं। वहीं शुरुआती दिनों में शिवसेना को कांग्रेस के कई नेताओं ने अक्सर परोक्ष रूप से समर्थन किया। 1971 में शिवसेना ने कांग्रेस के साथ तालमेल कर मुंबई और कोंकण क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार खड़े किए लेकिन वे वहां असफल रहें। 1977 में देश में लागू अपातकाल का ठाकरे ने किया और उस साल अपना कोई भी उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं उतारा। वहीं पलशिखर लिखते है कि 1978 में जब जनता पार्टी के साथ तालमेल में शिवसेना असफल हो गए तो उन्होंने कांग्रेस (ए) ते साथ तालमेल किया। जो कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाला धड़ा था। इसके अलावा शिवसेना ने मुस्लिम लीग के साथ भी तालमेल किया।


शिवसेना ने मुस्लिम लीग के साथ मंच किया था साझा
जब हम वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश अकोलकर ने शिवसेना पर लिखी अपनी पुस्तक 'जय महाराष्ट्र' में लिखा है कि 1970 के दशक में मुंबई मेयर का चुनाव जीतने के लिए शिवसेना ने मुस्लिम लीग से तालमेल किया था। जिसके बारे में शिवसेना के पहले मुख्यमंत्री मनोहर जोशी अपनी पुस्तक 'शिवसेना कल आद उदया' में लिखते हैं कि इसेक लिए शिवसेना सुप्रीमों ने मुस्लिम लीक के नेता जी एम बतनवाला के साथ मंच भी साझा किया था। 


हिंदुत्व की ओर बढ़ा रूझान
80 के दशक में इंदिरा गांधी के निधन के बाद कांग्रेस और शिवसेना के बीच तालमेल समाप्त हुई। दोनों पार्टियों के बीच संबंध राजीव गांधी, सोनिया गांधी और बाद में राहुल गांधी के समय खराब हुई। तब शिवसेना का झुकाव बीजोपी और हिंदुत्व की तरफ बढ़ा। 80 के आखरी और 90 के दशक में शिवसेना की छवि बदली और ये कट्टर हिंदुत्व वाली हो गई। 


महाराष्ट्र के 19वें सीएम बने उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में कुल 288 सीटों में से बीजेपी ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56 सीटें, एनसीपी ने 54 सीटें और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती। जिसमें शिवसेना ने बीजेपी को छोड़ कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन सरकार बनाई और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के 19वें सीएम पद की शपथ ली। 

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