Edited By Anil dev,Updated: 14 Oct, 2019 10:48 AM
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना का गठबंधन हमेशा चर्चा का विषय रहता है। दोनों पाॢटयों के गठबंधन में होने के बावजूद ऐसे बयान और तस्वीरें नजर आती रहती हैं, जो ऑल इज नॉट वैल की बहस को जन्म देती हैं।
मुम्बई: महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना का गठबंधन हमेशा चर्चा का विषय रहता है। दोनों पाॢटयों के गठबंधन में होने के बावजूद ऐसे बयान और तस्वीरें नजर आती रहती हैं, जो ऑल इज नॉट वैल की बहस को जन्म देती हैं। अब जबकि मतदान का वक्त नजदीक है और दोनों पाॢटयां मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं तो ऐसे में भाजपा और शिवसेना के पोस्टरों ने सबका ध्यान खींचा है। चुनाव प्रचार के लिए भाजपा और शिवसेना ने जो पोस्टर लगाए हैं, उनमें गठबंधन की जगह ‘एकला चलो रे’ की झलक दिखाई दे रही है।
मुम्बई ही नहीं पूरे महाराष्ट्र में दोनों पाॢटयों के होॄडग्स अलग-अलग नजर आ रहे हैं। शिवसेना के पोस्टर में बाला साहेब, उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे दिखाई दे रहे हैं तो भाजपा के पोस्टरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस प्रमुखता से नजर आ रहे हैं, यानी दोनों पाॢटयों के नेता पोस्टरों में एक साथ नहीं हैं।
सरकार के कामकाज का गुणगान भी अकेले
दिलचस्प बात यह है कि देवेंद्र फडऩवीस के नेतृत्व में भाजपा और शिवसेना की सरकार 5 साल चली है, लेकिन सरकार के कामकाज को भी भाजपा-शिवसेना ने संयुक्त रूप से नहीं दर्शाया।
साथ नहीं आया घोषणा पत्र
गठबंधन के ऐलान के साथ ही कहा गया था कि भाजपा और शिवसेना का घोषणा-पत्र एक साथ जारी किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शिवसेना ने अपना अलग घोषणा-पत्र जारी कर दिया और अपने एजैंडे के तहत गरीबों को पौष्टिक भोजन 10 रुपए में देने और सिर्फ 1 रुपए में 200 स्वास्थ्य परीक्षण कराने जैसे वादे किए हैं।
दोनों दल अपने-अपने रास्ते
भाजपा जहां देवेंद्र फडऩवीस को मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में पेश कर चुकी है, वहीं शिवसेना की नजर भी सरकार के शीर्ष पद पर है। शिवसेना के पोस्टरों में ठाकरे परिवार से पहली बार चुनाव लड़ रहे आदित्य ठाकरे को भी इसी अंदाज में पेश किया जा रहा है। शिवसेना ने अपने वादों के साथ पोस्टरों में आदित्य ठाकरे को आगे किया है।