Edited By Anil dev,Updated: 21 Oct, 2019 04:39 PM
महाराष्ट्र (Maharashtra) में आज विधानसभा चुनाव (Assembly elections) के लिए 288 सीटों पर वोटिंग जारी है अब तक कई नेताओं, बड़ी हस्तिओं और जनता वोट डाल चुके हैं। यहां चुनावी मैदान में एक तरफ बीजेपी (BJP) और शिवसेना (Shivsena) का गठबंधन है
नई दिल्ली: महाराष्ट्र (Maharashtra) में आज विधानसभा चुनाव (Assembly elections) के लिए 288 सीटों पर वोटिंग जारी है। चुनावी मैदान में एक तरफ बीजेपी (BJP) और शिवसेना (Shivsena) का गठबंधन है तो दूसरी ओर कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP) का गठबंधन। बीजेपी और शिवसेना दोबारा सत्ता में आने के लिए कड़ी कोशिश में है। चुनाव में बीजेपी ने 164 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारा है और शिवसेना को 124 सीटें मिली हैं। वहीं कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन में कांग्रेस 147 सीटों पर और एनसीपी 121 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं बीजेपी ने अपनी 164 सीटों में से कुछ सीटें गठवंधन के छोटे दलों के उम्मीदवारों को भी दी हैं। यह इलेक्शन बताएंगे कि आखिर आम चुनाव के बाद महाराष्ट्र के मतदाताओं ने किस पार्टी को सिर जीत का सेहरा सजाया है। आइए जानते हैं वो 6 फैक्टर जो इस चुनाव के नतीजों पर असर डाल सकते हैं।
अनुच्छेद 370 का मुद्दा हो सकता है अहम
आज होने वोले चुनाव के बाद 24 अक्टूबर को मतगणना से पता चलेगा कि लोग किस पर ज्यादा विश्वास करते हैं और किसे अपना नेता चुनते है। इस चुनाव में माना जा रहा है कि मौजुदा कुछ मुद्दे परिणाम को प्रभावित कर सकते है। जिसमें अनुच्छेद 370 एक मुद्दा हो सकता है। इस विधानसभा चुनाव प्रचार में बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के मुद्दे को लगभग हर चुनावी रैली में उठाया है। जिसे कांग्रेस और विपक्ष ने मुद्दे से भटकाने वाली बताया, लेकिन माना जा रहा है कि जिन क्षेत्रों में स्थानीय मुद्दे ज्यादा कारगर नहीं है वहां बीजेपी को इस मुद्दे को उठाने का लाभ मिल सकता है।
किसानों का कर्जमाफी का बीजेपी को हो सकता है नुकसान
किसानों के कर्ज माफी का वादा सभी पार्टियां करती रही हैं पर जमीनी स्तर पर इसको कितना सफल बनाया गया है ये तो आकड़े बताते हैं। महाराष्ट्र ऐसा राज्य रहा है जहां किसानों की आत्महत्या की खबरे आती रही हैं। 2015 से 2019 के बीच बीते 4 सालों में 12,000 किसानों ने जान दी है। यहां मराठावाड़ा, विदर्भ और पश्चिमि महाराष्ट्र में कृषि संकट बड़ा मुद्दा है। ऐसी स्थिति में ये मुद्दा बीजेपी शिवसेना के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
शौचालय और आवास योजना से मिला लोगों को लाभ
देश भर में किसान सम्मान निधि के तहत केंद्र सरकार ने किसानों को हर साल छह हजार दिए जाने की योजना शुरू की है। इसके साथ ही शौचालय और आवास योजना ने भी कुछ हद तक लोगों को लाभ दिया है। जिन लोगों को इन स्कीम्स का लाभ हुआ है वे इसके आधार पर मतदान कर सकते है।
हाईवे और मेट्रो के विस्तार से हो सकता है फायदा
सीएम फडणवीस भले ही सहयोगी गठबंधन शिवसेना के सवालों से जुझते रहे हैं लेकिन इसके बावजूद माना जा रहा है कि मुंबई, नागपुर में सुपर हाईवे और मेट्रो के विस्तार के लिए उनकी सराहना हुई है, जो उनके पक्ष में है। लेकिन नौकरी का मुद्दा उनके खिलाफ भी जा सकता है।
रिजर्वेशन मुद्दे का दिख सकता है असर
चुनावी मैदान में बीजेपी और शिवसेना की सरकार की ओर से मराठा समुदाय को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन दिए जाने का असर दिख सकता है। इससे ओबीसी और ब्राहाम्न समुदाय के साथ अन्य समूहों में भी अपनी जहग बनाने में कामयाब हो सकते है।