Edited By Seema Sharma,Updated: 01 Dec, 2019 08:38 AM
महाराष्ट्र विधानसभा में शनिवार को हुए फ्लोर टैस्ट के दौरान भाजपा के बायकाट के पीछे बड़ी रणनीति नजर आ रही है। भाजपा यह मानकर चल रही है कि आज नहीं तो कल शिवसेना उसके साथ दोबारा पहले की तरह रिश्ता जोड़ सकती है और वे फिर से मिलकर सरकार बना सकते हैं।
नई दिल्ली (सुनील पाण्डेय): महाराष्ट्र विधानसभा में शनिवार को हुए फ्लोर टैस्ट के दौरान भाजपा के बायकाट के पीछे बड़ी रणनीति नजर आ रही है। भाजपा यह मानकर चल रही है कि आज नहीं तो कल शिवसेना उसके साथ दोबारा पहले की तरह रिश्ता जोड़ सकती है और वे फिर से मिलकर सरकार बना सकते हैं। लिहाजा, भाजपा ऑप्शन खुला रखना चाहती है। राजनीति में होता भी यही है। अगर सरकार का सदन में खुलकर विरोध नहीं करना है और बचाव की रणनीति अपनानी है तो सदन का बायकाट ही अच्छा ऑप्शन माना जाता है।
सूत्रों की मानें तो सदन में नवगठित सरकार के खिलाफ बोलने से बचने के लिए भाजपा ने यह नया रास्ता (बहिर्गमन) निकाला है। महाराष्ट्र में सरकार भले ही शिवसेना-कांग्रेस एवं राकांपा ने मिलकर बना ली है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी मैदान से अभी हटी नहीं है। उसे पूरा भरोसा है कि वह वापसी जरूर करेगी। यही कारण है कि एकमात्र विपक्षी पार्टी बनी भाजपा ने सरकार के पहले सत्र का बायकाट कर दिया।
ऑप्शन खुले रखने की आकांक्षा
सूत्रों की मानें तो भाजपा महाराष्ट्र में शिवसेना से किसी प्रकार की राजनीतिक दुश्मनी नहीं रखने की फिराक में है। वह हर हाल में ऑप्शन खुला रखना चाहती है। सरकार एवं सरकार की नीतियों का बचाव करने का सही रास्ता यही होता है जो आज भाजपा ने किया है। जानकार भी मानते हैं कि राजनीति में कभी भी दुराभाव नहीं रखा जाता। भाजपा ने शनिवार को सदन में सरकार के खिलाफ बोलने से बचने के लिए बायकाट किया ताकि बाद में सरकार साथ बने तो दिक्कत न आए।
देवेंद्र फडनवीस को पसंद नहीं करता भाजपा का एक धड़ा
सूत्रों के मुताबिक भाजपा का एक धड़ा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस को कतई पसंद नहीं करता है और हटाना चाहता है। यही कारण है कि पूर्व गठबंधन साथी शिवसेना के साथ सरकार बनाने का ज्यादा दबाव दिल्ली से नहीं डाला गया। भाजपा का यह धड़ा किसी दूसरे चेहरे को चाहता है। आगे चलकर वह उस चेहरे को आगे करके दाव खेल सकता है।