महाराष्ट्र सरकार ने सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ली

Edited By Pardeep,Updated: 22 Oct, 2020 11:24 PM

maharashtra government withdraws general consent given to cbi

महाराष्ट्र, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई सामान्य सहमति वापस लेने वाला पांचवां राज्य बन गया है। यह निर्णय ऐसे समय लिया गया है जब टीवी चैनलों द्वारा टीआरपी से कथित तौर पर की गई छेड़छाड़ के मामले में लखनऊ पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी पर

नई दिल्लीः महाराष्ट्र, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई सामान्य सहमति वापस लेने वाला पांचवां राज्य बन गया है। यह निर्णय ऐसे समय लिया गया है जब टीवी चैनलों द्वारा टीआरपी से कथित तौर पर की गई छेड़छाड़ के मामले में लखनऊ पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी पर सीबीआई ने जांच की कमान अपने हाथ में ले ली है। हालांकि मुंबई पुलिस पहले से ही इस मामले की जांच कर रही है। 

विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार, सुशांत सिंह राजपूत की मौत और टीआरपी जैसे मामलों में राज्य पुलिस द्वारा की जा रही जांच में गतिरोध उत्पन्न करने के लिए सीबीआई का सहारा ले रही है। पश्चिम बंगाल, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने हाल ही में सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली थी। दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम (डीपीएसई) 1946 में सूचीबद्ध अपराधों की जांच के लिए सीबीआई को राज्य की सहमति की आवश्यकता होती है। 

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) जहां देशभर में आतंकवाद संबंधित किसी भी मामले की जांच कर सकती है, वहीं सीबीआई को डीपीएसई अधिनियम की धारा छह के तहत राज्य की सहमति लेने की जरूरत होती है। सीबीआई की नियमावली के अनुसार, “केंद्र सरकार, राज्य में सीबीआई को ऐसे अपराध की जांच करने का अधिकार दे सकती है लेकिन वह केवल संबंधित राज्य की सरकार की सहमति से ही ऐसा कर सकती है। 

हालांकि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय सीबीआई को देश में कहीं भी जांच करने का आदेश बिना राज्य की सहमति के भी दे सकते हैं।” लखनऊ पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर टीआरपी मामले की सीबीआई जांच ऐसा मुद्दा बन गया था जिसको लेकर महाराष्ट्र सरकार ने एजेंसी को दी गई सामान्य सहमति बुधवार को वापस ले ली। 

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