Edited By Anil dev,Updated: 21 Nov, 2020 06:10 PM
महाराष्ट्र के पालघर में कुछ साल पहले ईसाई धर्म अपना चुकी एक महिला को उसके एक बेटे ने हाल ही में दफनाया जबकि उसके दूसरे बेटे ने सांकेतिक रूप से उसका दाह संस्कार किया। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। यह घटना पालघर जिले में वडा तहसील के अवांडे गांव...
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के पालघर में कुछ साल पहले ईसाई धर्म अपना चुकी एक महिला को उसके एक बेटे ने हाल ही में दफनाया जबकि उसके दूसरे बेटे ने सांकेतिक रूप से उसका दाह संस्कार किया। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। यह घटना पालघर जिले में वडा तहसील के अवांडे गांव में दो दिन पहले हुई। दिवंगत महिला के दो बेटों के बीच इस बात को लेकर विवाद हो गया कि उसका अंतिम संस्कार कैसे किया जाए। एक बेटा ईसाई है जबकि दूसरा बेटा हिंदू है। पुलिस उपनिरीक्षक दिलीप पवार ने कहा, 65 वर्षीय फुलाई धाबड़े की 18 नवंबर की रात को मृत्यु हो गयी। वह, उनके पति महादू और छोटा बेटा सुधान कुछ साल पहले ईसाई बन गये थे जबकि उनके बड़े बेटे सुभाष ने हिंदू ही रहना पसंद किया।
दोनों भाईयों में हो गया विवाद
पवार ने कहा, वृद्धा की मौत के बाद भाइयों के बीच इस बात को लेकर विवाद हो गया कि उनका अंतिम संस्कार कैसे किया जाए। एक असामान्य स्थिति पैदा हो गयी क्योंकि दोनों भाइयों में से प्रत्येक ने इस बात का जिद किया कि वह जिस धर्म का पालन करता है, उसी के अनुसार उनकी मां का अंतिम संस्कार किया जाए। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में गांव वाले इक्ट्टा हो गये लेकिन दोनो भाइयों में कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं था। पुलिस के अनुसार स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस पाटिल (पुलिस और ग्रामीणों के बीच समन्वयक) वडा थाने पहुंचा और उसने वहां सारी बात बताई।
परिवार के सदस्यों ने की चर्चा
पवार ने बताया, पुलिस अधिकारी सुधीर सांखे गांव में पहुंचे और उन्होंने परिवार के सदस्यों से चर्चा की। यह तय किया गया कि महिला को ईसाई परंपरा के अनुसार दफनाया जाए। फिर वसाई के समीप पाचू द्वीप पर पार्थिव शरीव को दफना दिया गया। पवार ने कहा, लेकिन दूसरा बेटा मानने को तैयार नहीं था। उसने चिता पर एक गुडिय़ा रखकर सांकेतिक दाह संस्कार किया।