Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jan, 2018 01:55 PM
महाराष्ट्र के पुणे में फैली जातीय हिंसा की गूंज राज्यसभा और लोकसभा तक पहुंच गई। हिंसा के मुद्दे पर आज राज्यसभा में कांग्रेस समेत समस्त विपक्ष ने शोर शराबा किया जिसके कारण शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी...
नई दिल्लीः महाराष्ट्र के पुणे में फैली जातीय हिंसा की गूंज राज्यसभा और लोकसभा तक पहुंच गई। जिसके चलते पहले तो लोकसभा की कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित की गई। दोबारा कार्रवाई शुरू होने पर ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के प्रावधान वाले संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान सत्तापक्ष एवं तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक के कारण दिनभर के लिए सदन की कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले लोकसभा नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने जातीय हिंसा का मुद्दा उठाया और कहा कि भीमा-कोरेगांव में हर साल दलित लोग जाकर स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। लेकिन इस बार इसमें हिमसा का रंग घोला गया। उन्होंने कहा कि समाज में फूट डालने के पीछे कट्टर हिंदूवादी और आरएसएस का हाथ है। जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां पर दलितों के खिलाफ इस प्रकार के हादसे हो रहे हैं। खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर बयान देना चाहिए। पीएम इस पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं।
भाजपा का पलटवार
खड़गे के सवाल पर केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी गुजरात और हिमाचल में चुनाव हार चुकी है, इसलिए निराशा के साथ इस प्रकार की बातें कर रही है। आज के दिन में ब्रिटिश की जगह कांग्रेस वाले डिवाइड एंड रूल का काम कर रहे हैं। यदि आज कोई सबका साथ सबका विकास लेकर चल रहा है तो वह हमारे नेता नरेंद्र भाई मोदी हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी जातीय हिंसा के मुद्दे को भड़काने का काम कर रहे हैं।