Edited By Anil dev,Updated: 03 Mar, 2020 06:10 PM
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार के समक्ष मुस्लिम आरक्षण को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं है। ठाकरे की यह टिप्पणी अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक द्वारा विधान परिषद को यह सूचित करने के कुछ दिन बाद आयी है कि राज्य...
मुम्बई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार के समक्ष मुस्लिम आरक्षण को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं है। ठाकरे की यह टिप्पणी अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक द्वारा विधान परिषद को यह सूचित करने के कुछ दिन बाद आयी है कि राज्य सरकार मुस्लिमों को शिक्षा में पांच प्रतिशत आरक्षण मुहैया कराएगी। राकांपा मंत्री ने यह भी कहा था कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इस संबंध में एक विधेयक जल्द पारित हो। ठाकरे ने दक्षिण मुम्बई में विधान भवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, मुस्लिम आरक्षण को लेकर मेरे पास कोई प्रस्ताव नहीं आया है। जब यह हमारे सामने आएगा तो हम उसकी कानूनी वैधता की जांच करेंगे। हमने इस पर अभी कोई निर्णय नहीं किया है। राज्य विधानमंडल का बजट सत्र विधान भवन में ही चल रहा है। उन्होंने साथ ही भाजपा नीत विपक्ष से इस मुद्दे पर होहल्ला करना बंद करने को भी कहा। ठाकरे ने कहा, जो लोग इस मुद्दे पर हंगामा कर रहे हैं उनसे मैं आग्रह करता हूं कि वे अपनी ऊर्जा बचाकर रखें और उसका इस्तेमाल उस समय करें जब यह मुद्दा चर्चा के लिए आये। मुद्दा अभी आया नहीं है।
शिवसेना ने अभी अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। जब प्रस्ताव आएगा तब देखेंगे। ठाकरे ने कहा, जब मुद्दा सरकार के समक्ष आएगा तब हम कानूनी वैधता की जांच करेंगे और निर्णय लेंगे। मेरा और शिवसेना के रुख का निर्णय तब होगा जब मुद्दा हमारे समक्ष आएगा। इस बीच, महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख बाला साहब थोराट ने मंगलवार को कहा कि मुलसमानों को आरक्षण देना उनकी पार्टी की प्रतिबद्धता है और राज्य सरकार के गठबंधन घटक दलों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के बाद निर्णय लिया जाएगा। थोराट का बयान ऐसे समय में आया है जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुसलमानों को पांच फीसद आरक्षण देने का कोई प्रस्ताव उन्हें नहीं मिला है और इस विषय पर अबतक कोई निर्णय नहीं लिया गया। राज्य के राजस्व मंत्री थोराट ने कहा कि ठाकरे ने जो कुछ कहा है , वह सच है क्योंकि इस मुद्दे पर अबतक कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा, हम (कांग्रेस राकांपा) ने अतीत में मुसलमानों को आरक्षण दिया था। यह पिछले पांच साल में आग नहीं बढ़ा लेकिन यह हमारी प्रतिबद्धता है। यह कांग्रेस राकांपा के घोषणापत्र का हिस्सा है। इसलिए हम इसे देना चाहते हैं। उन्होंने विधानमंडल परिसर में कहा, लेकिन यह सच है कि इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है।'' उन्होंने कहा कि (शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की) महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार की समन्वय समिति और मंत्रिमंडल में इस मुद्दे पर चर्चा होगी , उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। उधर, ठाकरे ने अपनी पत्नी रश्मि ठाकरे की नियुक्ति पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादक के पद पर होने पर कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने के बाद संपादक का पद छोडऩा था।
उन्होंने कहा, सामना, शिवसेना और ठाकरे को अलग नहीं किया जा सकता। हम एक परिवार हैं। रश्मि के संपादक बनने के बाद ऐसी अटकलें थीं कि क्या पेपर की भाषा बदल जाएगी। मैं यह कहना चाहता हूं कि भाषा वही रहेगी। संपादकीय जिम्मेदारी संजय राउत देखना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, सामना शिवसेना का मुखपत्र है। यह पार्टी का रुख और मेरे विचार प्रतिबिंबित करता रहेगा। संपादकीय स्वतंत्रता भी रहेगी। उन्होंने कहा, सामना में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल होता है वह हमारी पैतृक भाषा है और वह वही रहेगी। बाद में मत कहना कि रश्मि ठाकरे ने उद्धव ठाकरे की आलोचना की। यद्यपि अधिकतर व्यक्त विचार मेरे, शिवसेना और उसके परे, के होते हैं। प्रेस की स्वतंत्रता भी है। इसलिए संजय राउत अपना संपादकीय कर्तव्य निभा रहे हैं और आगे भी निभाते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह भगवान राम के दर्शन के लिए सात मार्च को अयोध्या जा रहे हैं। उन्होंने कहा, मेरी आस्था है और इसलिए मैं भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए (अयोध्या) जा रहा हूं। भगवान के दर्शन में राजनीति का सवाल कहां आता है? इसमें राजनीति कहां है? भगवान के दरवाजे इसलिए बंद नहीं होते कि आपने कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी के साथ एक गठबंधन किया है। भगवान भगवान होते हैं और सभी के होते हैं। मैं (अयोध्या) जाऊंगा। ठाकरे ने कहा, जो (गठबंधन साझेदारों में से) आना चाहते हैं, वे आएंगे। भगवान के दरवाजे किसी के लिए बंद नहीं हैं। जब भी वे जाना चाहें, वे (दर्शन के लिए) जा सकते हैं। वे (दर्शन के लिए) मेरे साथ आ सकते हैं, मेरे जाने से पहले जा सकते हैं, या मेरे (मंदिर) जाने के बाद वहां जा सकते हैं।
रिण माफी पर ठाकरे ने कहा कि सरकार ने उन किसानों को कर्ज मुक्त बनाना शुरू कर दिया है जिन्होंने दो लाख रुपये तक का रिण लिया है। उन्होंने कहा, महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार की रिण माफी योजना निर्धारित समयसीमा में लागू की जाएगी। मेरी सरकार इस पर ध्यान देगी कि किसान प्रसन्न रहें। उन्होंने कहा, च्च्10 लाख किसानों के खातों का प्रमाणन किया गया है और 7.5 लाख खातों में धन अंतरण शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना क्रियान्वयन जल्द पूरा करने की है। साथ ही सरकार की योजना किसानों के लिए दो लाख रुपये से अधिक की एक नयी रिण माफी योजना शुरू करने की है, साथ ही उन लोगों के लिए एक प्रोत्साहन योजना शुरू करने की भी है जो अपने बकाये का भुगतान नियमित तौर पर करते हैं। दिल्ली हिंसा और दोबारा ऐसी स्थिति से बचने के लिए उठाये जा रहे एहतियाती कदमों पर ठाकरे ने कहा, मुम्बई और महाराष्ट्र में एहतियात बरता जा रहा है कि ऐसी कोई घटना नहीं हो। मैं सतर्क रहने के लिए पुलिस और नागरिकों को धन्यवाद देता हूं। वे समझते हैं कि ये कौन कर रहा है। यह पूछे जाने पर कि उनका इशारा किसकी ओर है, ठाकरे ने कहा, समझने वालों को इशारा काफी है। इशारा नहीं किया तो भी समझते हैं।