मैथिली अब दिल्ली के स्कूलों में पढ़ाई जाएगी

Edited By Pardeep,Updated: 16 Jul, 2019 03:39 AM

maithili will now be studying in delhi schools

दिल्ली के स्कूलों में मैथिली भाषा कक्षा 8 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स को वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाई जाएगी। सिविल सेवाओं की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मैथिली भाषा की मुफ्त कोचिंग भी करवाई जाएगी। वहीं, मैथिली-भोजपुरी भाषा में कला, साहित्य, रंगमंच,...

नई दिल्ली: दिल्ली के स्कूलों में मैथिली भाषा कक्षा 8 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स को वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाई जाएगी। सिविल सेवाओं की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मैथिली भाषा की मुफ्त कोचिंग भी करवाई जाएगी। वहीं, मैथिली-भोजपुरी भाषा में कला, साहित्य, रंगमंच, शोध व पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वाली शख्सियतों को सम्मानित किया जाएगा। 

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में हुई मैथिली-भोजपुरी अकादमी की बैठक में इस आशय के निर्णय लिए गए। सरकार भोजपुरी भाषा को भी स्कूलों में पढ़ाना चाहती है, लेकिन भोजपुरी को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है। ऐसे में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैथिली-भोजपुरी अकादमी के चेयरमैन के तौर पर मैं केंद्र सरकार को लिख रहा हूं कि वह भोजपुरी को भी संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करे। बाद में उपमुख्यमंत्री ने बताया कि अब स्कूलों में मैथिली को 8वीं से 12वीं कक्षा तक वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा। दिल्ली में पढऩे वाले स्टूडेंट्स अब मैथिली को वैकल्पिक विषय के रूप में लेकर पढ़ाई कर सकेंगे। अब तक स्टूडेंट्स पंजाबी और उर्दू को वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आईएएस एवं अन्य सिविल सेवाओं की प्रतियोगी परीक्षाओं में मैथिली विषय को वैकल्पिक विषय के रूप में चयन करने वालों के लिए सरकार मुफ्त में कोचिंग करवाएगी। संस्कृत अकादमी में हम ये प्रयोग कर रहे हैं और काफी अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है। मुफ्त कोचिंग मैथिली-भोजपुरी अकादमी की तरफ से करवाई जाएगी। सिसोदिया ने कहा कि अभी मैथिली का कोई फॉन्ट मौजूद नहीं है। मैथिली का फॉन्ट उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार सी-डैक से संपर्क कर रही है। सी-डैक से कम्प्यूटर फॉन्ट तैयार करवाकर उसे जनता को उपलब्ध करवाया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम मैथिली-भोजपुरी की बात करते हैं तो मैथिली को तो संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किया गया है,लेकिन भोजपुरी को शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि आज अगर मैं स्कूलों में भोजपुरी को पढ़ाना चाहूं तो नहीं कर सकता,क्योंकि वह संविधान की 8वीं अनुसूची में नहीं है। इसलिए सीबीएसई के पाठ्यक्रम में भी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार जब 2014 में सत्ता में आई थी तब उसने कहा था कि वह भोजपुरी को संविधान की 8वीं अनुसूची में लेकर आएगी, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ। अब भी कह रहे हैं कि भोजपुरी को अनुसूची में शामिल किया जाएगा। 

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