Edited By Ravi Pratap Singh,Updated: 16 Jul, 2019 03:50 PM
रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने अब एक नई पहल की है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को दिए जाने वाला प्रतिष्ठित रक्षा मंत्री अवार्ड अब...
नई दिल्लीः रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने अब एक नई पहल की है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को दिए जाने वाला प्रतिष्ठित रक्षा मंत्री अवार्ड अब निजी कंपनियों को देने को अपनी सहमति दे दी है। इस अवार्ड को इससे पहले केवल आयुध कारखानों (ऑर्डिनेंस फैक्टरियों) और रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक इकाइयों (डिफेंस पब्लिक सैक्टर युनिट्स) को ही दिया जाता था।
अवार्ड के संशोधित प्रारूप को मुख्य रूप से अब दो श्रेणी में बांटा गया है। तकनीकी क्षेत्र में उत्कृष्टता दिखाने पर पहली श्रेणी में संस्था को और दूसरी श्रेणी में व्यक्ति को दिया जाएगा। इसके अलावा उप श्रेणी में बड़ी, मध्यम, छोटी और स्टार्ट-अप सेगमेंट को भी शामिल किया गया है। इससे रक्षा क्षेत्र की सभी बड़ी-छोटी और सरकारी व गैर-सरकारी कंपनियो के बीच स्वस्थ्य़ प्रतिस्पर्धा हो सकेगी। पहले के मुकाबले व्यक्तिगत श्रेणी में नकद पुरस्कार राशि भी बढ़ाई गई है।
भारत को क्या लाभ?
सरकार के इस कदम से रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में देश के भीतर बुनियादी ढांचा विकसित करने में मदद मिलेंगी। साथ ही देश में रक्षा क्षेत्र की नई और पुरानी कंपनियों को आगे बढ़ने में भी मदद मिलेगी। इससे कंपनियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जगत में पहचान बनाने का मौका मिलेगा और नए कस्टमर से पहचान को लेकर होने वाली परेशानियों का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। इससे निजी कंपनियों को वैश्विक स्तर पर उत्कृष्ट उपलब्धियों को दिखाने का मौका भी मिलेगा। इसके साथ ही भारत के रक्षा निर्यात में भी बढ़ोतरी होगी।