Edited By Anil dev,Updated: 09 Nov, 2018 05:30 PM
खराब भोजन करने से पांच लोगों में से एक की मौत हो जाती है और ऐसे में संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी ने कहा है कि नियमित खराब गुणवत्ता का आहार लेने से मलेरिया, टीबी या खसरा के बजाय और भी ज्यादा सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे होते हैं।
संयुक्त राष्ट्र: खराब भोजन करने से पांच लोगों में से एक की मौत हो जाती है और ऐसे में संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी ने कहा है कि नियमित खराब गुणवत्ता का आहार लेने से मलेरिया, टीबी या खसरा के बजाय और भी ज्यादा सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे होते हैं। ‘प्रिवेंटिंग न्यूट्रियंट लॉस एंड वेस्ट एक्रॉस द फूड सिस्टम : पॉलिसी एक्शन्स फॉर हाई-क्वालिटी डाइट्स’ नामक रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) सह-लेखक रहा है।
संगठन ने नीति निर्माताओं से भोजन की बर्बादी को रोकने के लिए काम करने का आग्रह किया ताकि पोषाहार और स्वास्थ्यवद्र्धक भोजन उपलब्ध हो सके। संगठन इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि नियमित रूप से खराब गुणवत्ता का भोजन करना मलेरिया, तपेदिक या खसरे की तुलना में ज्यादा बड़ा सेहत संबंधी खतरा बन गया है। मानवीय भोजन के लिए जितनी खाद्य सामग्री का उत्पादन होता है, उसका करीब एक तिहाई कभी उपभोक्ता की थाली में नहीं पहुंचता।
फल, सब्जियां, समुद्री खाद्य पदार्थ और मांस जैसे पोषक आहार जल्द खराब हो जाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार हर साल पूरी दुनिया में जितने फलों और सब्जियों का उत्पादन होता है, उनमें से आधे बर्बाद या नष्ट हो जाते हैं। एफएओ महानिदेशक जोस ग्रेजियानो डा सिल्वा ने कहा, ‘‘सभी तरह के कुपाषेण से निपटने और स्वस्थ आहार को प्रोत्साहित करने के लिए हमें ऐसा खाद्य तंत्र बनाना होगा जो सभी के लिए ताजा, पोषक आहार की उपलब्धता, वहनीयता और खपत बढ़ाता हो।’’