Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Dec, 2017 07:34 PM
साल 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट केस में कर्नल श्रीकांत पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को कोर्ट ने राहत दी है। इन दोनों सहित चार आरोपियों से मकोका और यूएपीए की धारा 17,20 व 13 हटा दी गई है। इन पर अब केवल अनलॉफुल एक्टीपिटीज (प्रिवेंशन) एक्ट...
मुंबई: साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और छह अन्य आरोपियों पर साल 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में आतंकवाद निरोधी कानून के तहत मुकदमा चलेगा क्योंकि विशेष एनआईए अदालत ने आरोप मुक्त करने के लिये उनके आवेदनआज खारिज कर दिये। अदालत ने हालांकि सभी आरोपियों के खिलाफ कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध कानून :मकोका: के तहत लगाए गए आरोपों को समाप्त कर दिया।
सभी आरोप समाप्त
अदालत ने तीन आरोपियों श्याम साहू, शिवनारायण कलसांगरा और प्रवीण टकाल्की को मामले से आरोप मुक्त कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि आरोपी गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य को अंजाम देना) और धारा 18 (आपराधिक साजिश) और आईपीसी की धारा120 बी (आपराधिक साजिश के लिये सजा), धारा 302 (हत्या), धारा 307(हत्या का प्रयास) और धारा 326(जानबूझकर किसी को नुकसान पहुंचाना) के तहत मुकदमे का सामना करेंगे। विशेष एनआईए न्यायाधीश एस डी टेकाले ने कहा कि यूएपीए की धारा 17 (आतंकवादी संगठन या आतंकवादी हमले के लिये धन जुटाना), धारा 20 (आतंकवादी संगठन का हिस्सा बनना) और धारा 23 (किसी ऐसे की सहायता करना जो आतंकवादी संगठन का हिस्सा हो) के तहत सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप समाप्त कर दिये गए हैं।
15 जनवरी को होगी सुनवाई
साध्वी और पुरोहित के अतिरिक्त जिन आरोपियों को अब मुकदमे का सामना करना होगा उसमें सुधाकर द्विवेदी, सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, सुधाकर चतुर्वेदी और अजय रहीरकर शामिल हैं। अदालत ने कहा कि दो आरोपी जगदीश म्हात्रे और राकेश धावडे अब सिर्फ शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमे का सामना करेंगे। अदालत ने सभी आरोपियों से कहा है कि वे औपचारिक तौर पर आरोप तय किये जाने के लिये 15 जनवरी को उसके समक्ष उपस्थित हों। नासिक जिले के मालेगांव में भिकू चौक के निकट 29 सितंबर 2008 को हुये बम विस्फोट में छह लोगों की मौत हुई थी और कई अन्य घायल हुए थे।