Edited By Yaspal,Updated: 20 May, 2019 11:33 PM
लोकसभा चुनाव 2019 रविवार को सात चरणों में संपन्न हुए। अब 23 मई को आने वाले नतीजों पर सबकी नजर टिकी हुई है। लेकिन इससे पहले आए Exit Poll ने विपक्षी दलों की नींद उड़ा दी है। ऐसे में एनडीए और यूपीए के अलावा तीसरे फ्रंट...
नेशनल डेस्कः लोकसभा चुनाव 2019 रविवार को सात चरणों में संपन्न हुए। अब 23 मई को आने वाले नतीजों पर सबकी नजर टिकी हुई है। लेकिन इससे पहले आए Exit Poll ने विपक्षी दलों की नींद उड़ा दी है। ऐसे में एनडीए और यूपीए के अलावा तीसरे फ्रंट की बात चलने लगी है। इस तीसरे फ्रंट में गैर एनडीए-यूपीए दलों को शामिल किए जाने की बात चल रही है। इसमें तृणमूल कांग्रेस के अलावा, सपा-बसपा, टीआरएस और वाईएसआरसीपी जैसी पार्टियां शामिल हैं। हालांकि तीसरे मोर्चे को समर्थन देने के मामले पर कांग्रेस ने चुप्पी साध ली है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से जब तीसरे मोर्चे के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, हम इस पर कुछ नहीं कहना चाहते। अभी तो हम ही फर्स्ट फ्रंट हैं। आगे क्या करना है इस बारे में राहुल गांधी निर्णय लेंगे। सोनिया गांधी ने यूपीए की बैठक बुलाई है।
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, महाराष्ट्र में कांग्रेस के विधायी दल के नए नेता का चयन 23 मई को लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद किया जाएगा। खड़गे ने नए नेता के बारे में दृष्टिकोण जानने के लिए पार्टी के विधायकों एवं विधान पार्षदों की बैठक आयोजित की। सूत्रों के मुताबिक, विधायी दल के नेता बनने की दौड़ में पूर्व राजस्व मंत्री बाला साहेब थोराट, पूर्व मंत्री वर्षा गायकवाड़ और नागपुर के सुनील केदार शामिल हैं।