Edited By vasudha,Updated: 22 Jun, 2018 05:36 AM
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने भाजपा को आतंकी संगठन बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सिर्फ ईसाई और मुस्लिमों के बीच ही नहीं बल्कि हिंदुओं के...
नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने वीरवार को भारतीय जनता पार्टी पर कड़ा प्रहार करते हुए इस पर विभाजनकारी राजनीति करने और‘उग्रवादी संगठन ’की तरह काम करने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने पार्टी की विस्तारित कोर कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हम भाजपा की तरह उग्रवादी संगठन नहीं हैं। वे न केवल ईसाइयों और मुस्लिमों के बीच बल्कि हिंदुओं के बीच भी झगड़ा फैला रहे हैं।
भाजपा पर लगाए कई आरोप
तृणमूल प्रमुख ने कहा कि भाजपा मुठभेड़ करने की धमकी दे रहे हैं। मात्र इस कारण से कि वे दिल्ली में सत्ता में हैं, वे बम फेंकने की भी बात कर रहे हैं। मैं उन्हें चुनौती देती हूं कि आयें और हमें छुयें। हम उन्हें उनका स्थान दिखा देंगे। ममता ने कहा कि लोकसभा चुनाव अब से तीन माह के बाद हो सकते हैं, या फिर छह माह बाद। उन्होंने भाजपा पर ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से चुनाव के लिए तैयार रहने की अपील की।
ईवीएम से छेड़छाड़ करना भाजपा की आदत
मुख्यमंत्री ने कहा कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम शुरू हो चुका है। उचित प्रक्रिया अपनायी जाए, इसे सुनिश्चित करें। ईवीएम से छेड़छाड़ की भाजपा की आदत है। हमारे पार्टी कार्यकर्ता सतर्क रहें और इसकी निगरानी करें। सुश्री बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आंतरिक कलह से बचने की चेतावनी देते हुए कहा कि हमने वर्षाें के संघर्ष के बाद इस पार्टी का गठन किया है। यदि कोई सोचता है कि वह पार्टी से बड़ा है तो उसके लिए पार्टी छोडऩे के लिए दरवाजे खुले हुए हैं। केवल ममता बनर्जी काम करेंगी यह नहीं हो सकता। पार्टी में निष्क्रिय लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है।
दिलीप घोष ने दी थी टीएमसी को चेतावनी
बता दें कि ममता इससे पहले भी कई मौकों पर भाजपा की मुखर आलोचना करती रही हैं। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था अगर हमारी सरकार आती है तो हम अपने कार्यकर्ताओं की हत्या का बदला लेंगे। गौरतलब है कि पिछले महीने राज्य में हुए पंचायत चुनाव के दौरान जमकर हिंसा हुई थी। इस हिंसा में भाजपा और टीएमसी दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं की मौत हुई थी।