Edited By Yaspal,Updated: 26 Jun, 2019 11:11 PM
पश्चिम बंगाल भले ही देश के एक कोने की ओर हो लेकिन वहां की राजनीति पूरे देश को प्रभावित करती है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने शुरू से ही भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खिलाफत की है और उनका यह रुख अब भी जारी है। साल 2021 में राज्य...
नेशलन डेस्कः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को विपक्षी कांग्रेस और माकपा से भाजपा के खिलाफ संघर्ष में साथ देने को कहा, लेकिन दोनों दलों ने उनकी अपील को यह कह कर खारिज कर दिया कि राज्य में भगवा दल के उभरने के लिए उनकी नीतियां जिम्मेदार हैं। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान ममता ने विधानसभा में कहा कि भाजपा प्रदेश में समानांतर सरकार चलाने का प्रयास कर रही है और कांग्रेस एवं माकपा जैसी पार्टियों को भगवा पार्टी के खिलाफ संघर्ष में उनका साथ देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम सबको (तृकां, कांग्रेस और माकपा) एक साथ होकर भाजपा के खिलाफ लड़ना चाहिए । इसका मतलब यह नहीं है कि हम राजनीतिक तौर पर हाथ मिला रहे हैं ।'' ममता की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान ने कहा, ‘‘भाजपा के खिलाफ संघर्ष के लिए हमें ममता से सीखने की जरूरत नहीं है।
यह उनकी नीतियां ही हैं जिनके कारण भाजपा की जमीन बंगाल में तैयार हुई है। पहले उन्हें यह स्वीकार करना चाहिए कि उनकी गलतियों के कारण ही भाजपा राज्य में मजबूत हुई है।'' माकपा विधायक दल के नेता सुजान चक्रबर्ती ने मन्नान के विचारों से सहमति जतायी । दूसरी ओर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीलिप घोष ने कहा कि ममता की अपील से उनका डर परिलक्षित हो रहा है।