ममता के भतीजे की BJP को चुनौती- 'यदि आरोप साबित हुए तो लगा लूंगा फांसी'

Edited By Yaspal,Updated: 24 Jan, 2021 09:27 PM

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तृणमूल कांग्रेस के सांसद एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने अपने विरोधी दल भाजपा को सीधी चुनौती देते हुए रविवार को कहा कि अगर केंद्र परिवार के एक ही सदस्य के राजनीति में आने की अनुमति देने संबंधी एक कानून लेकर आएगा...

नेशनल डेस्कः तृणमूल कांग्रेस के सांसद एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने अपने विरोधी दल भाजपा को सीधी चुनौती देते हुए रविवार को कहा कि अगर केंद्र परिवार के एक ही सदस्य के राजनीति में आने की अनुमति देने संबंधी एक कानून लेकर आएगा तो वह राजनीति छोड़ देंगे। बनर्जी ने कहा कि अगर उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप साबित होंगे तो वह सार्वजनिक रूप से फांसी लगा लेंगे।

डायमंड हार्बर से सांसद बनर्जी ने कुलताली विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी परिवार के एक से अधिक सदस्यों के सक्रिय राजनीति में आने से रोकने के लिए एक विधेयक लेकर आते है तो अगले ही पल वह (बनर्जी) राजनीतिक अखाड़े में नहीं होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘कैलाश विजयवर्गीय से लेकर शुभेन्दु अधिकारी तक, मुकुल रॉय से राजनाथ सिंह तक, आपके परिवार के अन्य सदस्य हैं जो भाजपा के अहम पदों पर काबिज हैं।''

बनर्जी ने कहा, ‘‘अगर आप सुनिश्चित करेंगे कि परिवार का एक ही सदस्य सक्रिय राजनीति में होगा, तब तृणमूल कांग्रेस पार्टी में अगले ही पल हमारे परिवार से केवल ममता बनर्जी होंगी। यह मेरा वादा है।'' भाजपा नेताओं द्वारा उन्हें ‘लुटेरा' कहने पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर वे अपने आरोपों को साबित कर देंगे तो वह सार्वजनिक रूप से फांसी पर झूल जाएंगे।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर शनिवार को विक्टोरिया मेमोरियल में हुई घटना का संदर्भ देते हुए बनर्जी ने कहा कि ‘जय श्रीराम' के नारे जानबूझकर कर ममता बनर्जी को भाषण देने से रोकने के लिए लगाए गए थे। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री की उपस्थिति में नारे लगाए जाने के बाद ममता बनर्जी ने भाषण देने से इनकार कर दिया था।

तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘हमें गर्व है कि ममता बनर्जी ने साफ कर दिया कि सरकारी कार्यक्रम में अगर ऐसे नारों से नेताजी का अपमान किया जाएगा तो हम उसका विरोध करने के लिए खड़े होंगे। बंगाल विरोध करने के लिए खड़ा होगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘आप हजार बार मंदिर में, धार्मिक कार्यक्रम में, अपने घर में जय श्रीराम के नारे लगाए लेकिन इस तरह के सरकारी कार्यक्रम में नहीं, जिसे नेताजी जैसे नायक की याद में आयोजित किया गया था।''

बनर्जी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम में उन्हें अपना बयान नहीं देने देना उन लोगों का भी अपमान है जिन्होंने उन्हें विधानसभा में चुनकर भेजा है। इस बीच बनर्जी की वंशवाद की राजनीति पर की गई टिप्पणी पर भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने पहले कभी ऐसी मांग नहीं की और अब वह ऐसा बयान दे रहे हैं क्योंकि अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी (बनर्जी) पार्टी की हार तय है।

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