Edited By shukdev,Updated: 25 May, 2019 06:05 PM
लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के प्रदर्शन से निराश पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस्तीफा देने का फैसला लिया लिया है। 2014 के 34 के मुकाबले इस बार टीएमसी के सांसदों की संख्या घटकर 22 रह गई है...
कोलकाता: लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के प्रदर्शन से निराश पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस्तीफा देने का फैसला लिया लिया है। 2014 के 34 के मुकाबले इस बार टीएमसी के सांसदों की संख्या घटकर 22 रह गई है। पार्टी के इस खराब प्रदर्शन का अब विश्लेषण शुरू हो गया है।
कोलकाता में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता बनर्जी ने कहा कि पार्टी की बैठक शुरू होते ही मैंने कहा कि मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में अब काम नहीं करना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय शक्तियां हमारे खिलाफ काम कर रही हैं। आपातकाल की स्थिति पूरे देश में तैयार की गई है। समाज को हिंदू मुस्लिम में बांट दिया गया है। हमने चुनाव आयोग से कई बार शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
ममता बनर्जी के लिए पार्टी को एकजुट रखने की चुनौती
पार्टी के इस खराब प्रदर्शन का अब विश्लेषण शुरू हो गया है। तृणमूल कांग्रेस को स्तब्ध करने वाले प्रदर्शन के पीछे मोदी लहर और गत वर्ष खून-खराबे के साथ हुए पंचायत चुनावों के बाद टीएमसी द्वारा अल्पसंख्यकों का कथित तौर पर तुष्टीकरण मतदाताओं के ध्रुवीकरण की वजह माना जा रहा है। भगवा पार्टी का जानाधार अचानक बढ़ने से हैरान तृणमूल कांग्रेस खेमा बंट गया है। स्थानीय नेताओं ने शीर्ष पार्टी पदों पर काबिज लोगों की ‘‘दूरदर्शिता की कमी'' और उनके ‘‘अहंकार भरे रवैये'' को खराब चुनावी प्रदर्शन के पीछे की मुख्य वजह बताया।
हालांकि टीएससी का वोट प्रतिशत इस बार बढ़ा है। उसे 2014 के 39 प्रतिशत के मुकाबले इस बार 43 प्रतिशत वोट मिले हैं लेकिन वह दक्षिण बंगाल के आदिवासी बहुल जंगलमहल और उत्तर में चाय बागान वाले क्षेत्रों में अपना गढ़ बचाए रखने में नाकाम रही। भाजपा ने राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर जीत दर्ज की और उसका वोट प्रतिशत 2014 के 17 प्रतिशत के मुकाबले इस बार 40.5 प्रतिशत तक बढ़ गया। यहां तक कि जिन सीटों पर टीएमसी जीती वहां भी भाजपा दूसरे नंबर पर रही जबकि वाम दल के हिस्से तीसरा स्थान आया। बहरहाल, टीमएसी नेतृत्व ने इस पर चुप्पी साध रखी है क्योंकि कुछ लोगों को राज्य में उसकी सरकार की स्थिरता को लेकर चिंता हो रही है। लेकिन पार्टी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने राज्य में भाजपा की बढ़त को ‘‘अस्थायी'' बताया।