Edited By rajesh kumar,Updated: 21 Feb, 2021 06:09 PM
मित्रा ने कहा, ‘केंद्र पेट्रोल से कर के तौर पर 32.90 रुपये प्रति लीटर कमाता है, जबकि राज्य को केवल 18.46 रुपये मिलते हैं। डीजल के मामले में, केंद्र सरकार की कमाई 31.80 रुपये प्रति लीटर है जबकि राज्य के लिए 12.77 रुपये है।'' उन्होंने यह भी आरोप लगाया...
कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार ने रविवार को पेट्रोल और डीजल पर कर में एक रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की जो कि मध्यरात्रि से प्रभावी होगी। राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल सरकार ने यहां के लोगों को थोड़ी राहत प्रदान की है। राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि इस कदम से लोगों को ईंधन की कीमतों में वृद्धि से कुछ राहत मिलेगी।
मित्रा ने कहा, ‘केंद्र पेट्रोल से कर के तौर पर 32.90 रुपये प्रति लीटर कमाता है, जबकि राज्य को केवल 18.46 रुपये मिलते हैं। डीजल के मामले में, केंद्र सरकार की कमाई 31.80 रुपये प्रति लीटर है जबकि राज्य के लिए 12.77 रुपये है।' उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र ने उपकर लगाया है ताकि राज्यों को उनका हिस्सा नहीं देना पड़े, यह संघवाद की विशेषताओं के खिलाफ है। मित्रा ने एक सवाल पर कहा कि केंद्र सरकार को योजना आयोग को फिर से लाना चाहिए।
पेट्रोलियम मंत्री ने राज्यसभा में दिया था जवाब
बता दें कि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा में कहा था कि देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें एक अंतर्राष्ट्रीय मूल्य प्रणाली के तहत नियंत्रित होती हैं और यह मिथ्या अभियान चलाने का प्रयास किया जा रहा है कि ईंधन की कीमतें अब तक के उच्च स्तर पर है। प्रधान ने राज्यसभा मे प्रश्नकाल के दौरान विभिन्न पूरक सवालों के जवाब में कहा, ‘पिछले 300 दिनों में करीब 60 दिन कीमतों में वृद्धि हुई (और) करीब 7 दिन पेट्रोल तथा 21 दिन डीजल की कीमतों में हमने कमी की है। करीब 250 दिनों तक हमने कीमतों में वृद्धि या कमी नहीं की है... इसलिए, यह मिथ्या प्रचार है कि यह अब तक के सबसे उच्च स्तर पर है।' दरअसल, समाजवादी पार्टी के सांसद विशंभर प्रसाद निषाद ने पेट्रोलियम मंत्री से राज्यसभा में पूछा कि 'सीता माता की धरती नेपाल में पेट्रोल डीजल भारत से सस्ता है।