Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jun, 2018 10:47 AM
पश्चिम बंगाल सरकार पहली बार जनसंघ के संस्थापक डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती मनायी। तृणमूल कांग्रेस की ओर से न केवल मुखर्जी की पुण्यतिथि मनाई गई बल्कि उनकी तोड़ी गई प्रतिमा की जगह नई प्रतिमा का अनावरण भी किया गया। भारतीय जनता पार्टी ने जनसंघ के...
कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार पहली बार जनसंघ के संस्थापक डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती मनायी। तृणमूल कांग्रेस की ओर से न केवल मुखर्जी की पुण्यतिथि मनाई गई बल्कि उनकी तोड़ी गई प्रतिमा की जगह नई प्रतिमा का अनावरण भी किया गया। भारतीय जनता पार्टी ने जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि मनाने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्णय पर कटाक्ष किया। भाजपा ने कहा कि अब ममता समझ गई हैं कि श्यामा प्रसाद की अनदेखी उनको महंगी पड़ सकती है।
इस बीच, प्रदेश भाजपा नेताओं की अगुवाई में शनिवार को महानगर में रैली की गई। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि अरसे तक अनदेखी के बाद आखिर अब ममता बनर्जी एक बहादुर बंगाली के योगदान को मान्यता दे रही हैं। उन्होंने कहा कि देर से ही सही सरकार ने श्यामा प्रसाद की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने का सही फैसला लिया। उन्होंने कहा कि आज भी कश्मीर के मुद्दे पर मुखर्जी का नजरिया ही भाजपा का नजरिया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने पहली बार श्यामा प्रसाद की पुण्यतिथि मनायी। इस मौके पर सरकार के दो मंत्री फिरहाद हकीम और शोभनदेन चटर्जी ने मुखर्जी की नई स्थापित प्रतिमा को माला पहना कर श्रद्धांजलि अर्पित की।