बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला, किसी पुरुष को 'नपुंसक' कहना अपराध

Edited By Seema Sharma,Updated: 11 Nov, 2018 04:32 PM

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी शख्स को नपुंसक कहना मानहानि के बराबर है और यह एक अपराध है, क्योंकि यह एक शब्द उसकी मनोदशा पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। हाईकोर्ट की नागपुर बैंच यह बात एक महिला

महाराष्ट्रः बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी शख्स को नपुंसक कहना मानहानि के बराबर है और यह एक अपराध है, क्योंकि यह एक शब्द उसकी मनोदशा पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। हाईकोर्ट की नागपुर बैंच यह बात एक महिला की उस अर्जी को खारिज करते हुए कही जिसमें उसने अपने पति के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज करवाई थी। मामले की सुनवाई कर रही सिंगल बैंच की पीठ के जज सुनील शुखरे ने कहा कि नपुंसक शब्द एक व्यक्ति को पूरी तरह से झकझोर देता और इससे उसकी मनोदशा पर भी प्रतिकूल रूप से प्रतिबिंबित होता है इसलिए धारा 499 (प्रतिष्ठा को नुकसान) के तहत विचार के रूप में इसका उपयोग और प्रकाशन, आईपीसी की धारा 500 (मानहानि की सजा) के तहत मानहानि का अपराध मानने के लिए पर्याप्त होगा।

दरअसल महिला के अपने पति सं संबंध ठीक नहीं चल रहे थे लेकिन यह उस समय और तनावपूर्ण हो गए जब उनके घर एक बेटी ने जन्म लिया। परिवार में कलह काफी बढ़ने के बाद महिला ने 21 नवंबर, 2016 को ससुराल छोड़ दिया। थोड़े समय बाद उसने फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की। इस पर कोर्ट ने बच्ची की कस्टडी पिता को दे दी। महिला ने निचली कोर्ट के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट में दी याचिका में पत्नी ने अपने पति की शारीरिक शक्ति और संबंधों पर सवाल उठाए। पत्नी द्वारा शारीरिक संबंधों पर लगाए गए आरोपों से पति ने परेशान होकर उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई और ससुराल वालों पर भी मानहानि के लिए आईपीसी की धारा 500 और 506 के तहत केस किया। हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई होने पर पूरी मामले की गहन जांच की गई।

महिला ने कोर्ट में कहा कि वह अपने पति को नपुंसक नहीं कहना चाहती थी लेकिन पति के आचरण ने उसे मजबूर कु दिया कि उसने अपनी याचिका में इस शब्द का प्रयोग किया और लिखा कि बच्ची का जन्म मेडिकल ओव्यूलेशन पीरियड तकनीक द्वारा किया गया था, जैसा कि स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा सुझाया गया था। महिला के बयानों और गवाहों को सुनने के बाद जज सुनील शुखरे ने कहा कि महिला ने अपने पति की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने के लिए ऐसे किया। महिला ने पति को धमकी दी कि अगर वह उसकी बातें नहीं मानेगा तो वह उसके मान और प्रतिष्ठा को खराब कर देगी जोकि मानहानि की श्रेणी में आता है।

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