Edited By Yaspal,Updated: 30 Mar, 2019 08:29 PM
भारतीय जनता पार्टी ने सुल्तानपुर से मेनका गांधी को भले ही उम्मीदवार घोषित कर दिया है। लेकिन अंदरखाने उनकी राह में बहुत रोड़े थे। यह बात सर्वविदित है कि वरुण गांधी की टीम और संगठन कार्यकर्ताओं में काफी दूरियां थीं...
नेशनल डेस्कः भारतीय जनता पार्टी ने सुल्तानपुर से मेनका गांधी को भले ही उम्मीदवार घोषित कर दिया है। लेकिन अंदरखाने उनकी राह में बहुत रोड़े थे। यह बात सर्वविदित है कि वरुण गांधी की टीम और संगठन कार्यकर्ताओं में काफी दूरियां थीं। वजह थी वरुण को दिखावे की राजनीति व ऐसे कार्य करने वाले लोग पसंद नहीं थे। लिहाजा कई बार यह अंतरविरोध विभिन्न कार्यक्रमों में मंच पर दिखाता था।
कई मौजूदा विधायक व संगठन पदाधिकारी उनके कार्यक्रमों से दूरी बनाते थे या ये कहें कि वरुण स्वयं भी नहीं चाहते थे। ऐसे लोग उनके कार्यक्रम में शामिल हों। मेनका गांधी निश्चय ही इन बातों से वाकिफ थीं। इसलिए वह सुल्तानपुर पहुंचने से पहले ही यह दुरियां और अंतरविरोध खत्म देना चाहती थीं। वह सभी को एकजुट करने में सफल भी रहीं। मीडिया के सवालों पर मेनका ने कहा कि उन्हें अमेठी जाने से परहेज नहीं होगा। वरुण गांधी से सीटों की अदला-बदली को उन्होंने पार्टी का निर्णय बताया।
बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते मेनका गांधी ने बताया थी कि यहां आने से पहले हमने अधिकांश संगठन पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से फोन पर बात की, जिनसे बात नहीं हुई है। उनसे भी आगे करूंगी। उन्होंने साफ कहा कि आप सभी के बगैर मैं चुनाव नहीं जीत पाऊंगी। इसलिए मुझे सभी का सहयोग चाहिए। मेनका दोपहर बाद दीवानी न्यायालय में वकीलों के होली मिलन कार्यक्रम में शरीक हुईं, जहां बार एसोसिएशन ने उनका स्वागत किया। इसके बाद लोहरामऊ में माता मंदिर का दर्शन कर पयागीपुर स्थित भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और सहयोग मांगा।