Edited By ,Updated: 22 Feb, 2017 02:23 PM
मणिपुर की पहली मुस्लिम महिला उम्मीदवार नाजीमा बीबी का कहना है कि उनके चुनाव लड़ने के खिलाफ फतवा जारी होने के बावजूद भी वह घरेलू हिंसा के खिलाफ अपनी लड़ाई और मुस्लिम महिलाओं के उत्थान के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगी।
इंफाल: मणिपुर की पहली मुस्लिम महिला उम्मीदवार नाजीमा बीबी का कहना है कि उनके चुनाव लड़ने के खिलाफ फतवा जारी होने के बावजूद भी वह घरेलू हिंसा के खिलाफ अपनी लड़ाई और मुस्लिम महिलाओं के उत्थान के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगी। नाजीमा बीबी ने कहा, ‘‘मुझे अपनी जिंदगी की परवाह नहीं है लेकिन जब तक मैं जिंदा हूं तब तक घरेलू हिंसा के खिलाफ अपनी लड़ाई और समाज में मुस्लिम महिलाओं के सामाजिक उत्थान के लिए काम करना जारी रखूंगी। मैंने बचपन से बहुत मुश्किलों का सामना किया है, मुझे किसी धमकी का डर नहीं है।’’ नाजीमा इरोम शर्मिला की पार्टी पीआरजेए की उम्मीदवार हैं। वह वाबगई निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं।
नाजीमा ने कहा कि इरोम शर्मिला के अफस्पा के खिलाफ 16 साल तक किए उपवास से प्रभावित थीं और उनके राजनीतिक पार्टी का गठन करते ही उन्होंने उसमें शामिल होने का मन बना लिया था। उन्होंने कहा, ‘‘इरोम की लड़ाई ने हमेशा मुझे आकर्षित और प्रेरित किया। सभी बाधाओं के खिलाफ उनकी अथक लड़ाई इस बात का उदाहरण है कि एक मणिपुरी महिला कितनी शक्तिशाली हो सकती है। इसलिए जब उन्होंने राजनीति में आने का निर्णय लिया तभी मैंने उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का मन बना लिया।’’
नाजीमा ने कहा, ‘‘ मैं अगर विधायक बनी तो मेरे पास शिक्षा, महिलाओं की समस्याओं, अफस्पा के खिलाफ और छोटे स्तर पर रोजगार पैदा करने सहित कई मुद्दों पर नीतियां हैं जिनका इस्तेमाल मैं उस समाज की मदद के लिए करना चाहती हूं जिसमें हम रहते हैं।’’ नाजीमा का जीवन बेहद मुश्किलों भरा रहा है और आज वह मणिपुर से विधानसभा चुनाव लड़ने वाली पहली मुस्लिम महिला हैं। वह अपने परिवार में पहली लड़की थी जिन्होंने 10वीं की कक्षा उत्तीर्ण की थी। कक्षा में अकेली छात्रा होने के कारण उन्हें स्कूल में कई तरह के तानों और प्रताड़ना का सामना भी करना पड़ा था।