मनमोहन सिंह का मोदी सरकार पर हमला, कहा- रंग बिरंगे शीर्षकों और PR से नहीं चलती इकोनॉमी

Edited By Yaspal,Updated: 18 Nov, 2019 07:00 PM

manmohan singh attacked the modi government

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने एक लेख में मोदी सरकार और उसकी आर्थिक नीतियों की जमकर आलोचना की है। उन्होंने लिखा है कि देश में अविश्वास का माहौल है और इसका असर देश की अरथव्यवस्था पर पड़ रहा है। मनमोहन सिंह ने आरोप

नेशनल डेस्कः पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने एक लेख में मोदी सरकार और उसकी आर्थिक नीतियों की जमकर आलोचना की है। उन्होंने लिखा है कि देश में अविश्वास का माहौल है और इसका असर देश की अरथव्यवस्था पर पड़ रहा है। मनमोहन सिंह ने आरोप लगाया कि अर्थव्यवस्था के मौजूदा खराब हालात के लिए हमारे विश्वास के ताने-बाने का टूटना प्रमुख कारण है। यह काफी महत्वपूर्ण है कि बिजनेसमैन, कर्जदाता संस्थाएं और वर्कर्स कॉन्फिडेंट महसूस करें और यह तभी संभव हो सकता है जब भारत सरकार देश के उद्यमियों में विश्वास जताए। बता दें कि द हिंदू के लिए लिखे लेख में मनमोहन सिंह ने अपनी राय रखी।

सिंह ने लिखा कि भारतीय अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है। देश की जीडीपी 15 साल के सबसे निचले स्तर पर है। बेरोजगारी 45 सालों में सबसे ज्यादा है। घरेलू उपभोग भी 4 दशकों में पहली बार अपने सबसे निचले स्तर पर है। बैंकों का कर्ज फंसने का प्रतिशत काफी ज्यादा है, बिजली उत्पादन भी 15 सालों में सबसे कम है। पूर्व प्रधानमंत्री ने बताया कि देश की अर्थव्यवस्था इसके लोगों और इसकी संस्थाओं के बीच संबंधी पर निर्भर करती है। हमारा भरोसे वाला सामाजिक ताना-बाना और विश्वास इन दिनों पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है।

पूर्व प्रधानमंत्री ने लिखा कि हमारी अर्थव्यवस्था 3 ट्रिलियन डॉलर की आर्थिक ताकत है, जो मुख्यतः निजी क्षेत्र द्वारा संचालित होती है। यह कोई छोटी इकोनॉमी नहीं है,जिसे अपनी मर्जी से चलाया जा सकता है। यह रंग-बिरंगे शीर्षकों और मीडिया कमेंट्री से नहीं चलती है। दुख की बात ये है कि खुद बुलाई गई आर्थिक मंदी ऐसे वक्त आई है, जब भारत के पास वैश्विक अर्थव्यवस्था में फायदा उठाने के कई मौके हैं। चीन की आर्थिक मंदी से भारत के पास अपने निर्यात बढ़ाने का मौका है।

मनमोहन सिंह ने अपने लेख में आगे लिखा है कि समाज में डर का माहौल है। कई बिजनेसमैन, उद्योगपति सरकारी अथॉरिटी द्वारा प्रताड़ित किए जा रहे हैं। बैंकर नए लोन देने से डर रहे हैं। नए प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो रहे हैं। टेक्नोलॉजी स्टार्टअप और नौकरियां लगातार कम हो रही हैं। सरकार में मौजूद पॉलिसीमेकर और अन्य संस्थान सच बोलने से डर रहे हैं। इन सभी कारणों के चलते देश की अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट आई है।

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