प्लास्टिक पर बैन लगाने में कई दिक्कतें

Edited By Seema Sharma,Updated: 04 Oct, 2019 08:17 AM

many problems in banning plastic

सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने के लिए बड़े प्रयास कर रही है लेकिन प्लास्टिक पर बैन लगाने में कई दिक्कतें हैं। बैन लागू करवाना एक चुनौती है क्योंकि बड़ी कंपनियां इससे छूट ले लेती हैं। प्लास्टिक का सस्ता विकल्प भी नहीं है। इसके अलावा...

नई दिल्ली: सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने के लिए बड़े प्रयास कर रही है लेकिन प्लास्टिक पर बैन लगाने में कई दिक्कतें हैं। बैन लागू करवाना एक चुनौती है क्योंकि बड़ी कंपनियां इससे छूट ले लेती हैं। प्लास्टिक का सस्ता विकल्प भी नहीं है। इसके अलावा प्लास्टिक बैन से छोटे कारोबारियों के धंधे पर संकट आ जाएगा। यही नहीं लोगों में पर्यावरण को लेकर जागरूकता भी नहीं है इसीलिए इस पर अभी बैन लगाने की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए देशवासियों से संकल्प लेने की अपील की। आम दिनचर्या से प्लास्टिक को हटाने के मामले में अब तक के अनुभव बहुत अच्छे नहीं रहे हैं और इसकी वजह रही है कि प्लास्टिक बनाने, बेचने से लेकर इस्तेमाल तक एक साथ हल्ला बोल नहीं हुआ है।

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हर साल प्लास्टिक के 50,000 कण पेट में पहुंच रहे
जर्नल एन्वॉयरनमैंट साइंस एंड टैक्नोलॉजी ने 26 अध्ययनों के डाटा के आधार पर बताया है कि इंसान के पेट में हर साल प्लास्टिक के करीब 50,000 कण पहुंच जाते हैं जिसकी वजह प्लास्टिक की बोतलें और अन्य उत्पाद हैं। दुनियाभर में हर मिनट 10 लाख प्लास्टिक बोतलें बिकती हैं।

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छत्तीसगढ़ में 1 लाख जुर्माना
प्रतिबंधित प्लास्टिक पर जन जागरूकता अभियान के बाद छत्तीसगढ़ में प्लास्टिक कचरे में 40 फीसदी तक की कमी आई है, वहीं राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के मद्देनजर 2 अक्तूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर सख्ती बरतने के आदेश दे दिए गए हैं। इसके तहत अधिकतम 1 लाख रुपए जुर्माना व 6 महीने की सजा भी हो सकती है।

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प्लास्टिक का जंजाल
भारत में प्लास्टिक कचरा बड़ी समस्या है। भारत में रोजाना 25,940 टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है। इसमें से 10,376 टन कचरा यूं ही बिखर जाता है। देश के 60 शहर 20 फीसदी कचरा पैदा करते हैं। इनमें दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई सबसे आगे हैं। कोलकाता, बेंगलूर में भी ज्यादा कचरा होता है।

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क्या हैं विकल्प?

  • प्लास्टिक की जगह कांच या धातु की बोतलों का इस्तेमाल
  • पेपर के बने स्ट्रॉ का प्रयोग कर सकते हैं
  • प्लास्टिक के कप की जगह पेपर से बने कप का उपयोग
  • जूट या कागज की बनी थैली का ही इस्तेमाल करें
  • स्टील और लकड़ी के चम्मच इस्तेमाल करें

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