Edited By Yaspal,Updated: 23 Sep, 2019 06:49 PM
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कोच्चि के मरदु में तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) के नियमों का उल्लंघन कर बनाए गए एक अपार्टमेंट परिसर को गिराने के आदेश का पालन नहीं करने पर केरल सरकार को फटकार लगाई। इसके बाद राज्य सरकार के मंत्री ए सी मोइदीन
कोच्चिः उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कोच्चि के मरदु में तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) के नियमों का उल्लंघन कर बनाए गए एक अपार्टमेंट परिसर को गिराने के आदेश का पालन नहीं करने पर केरल सरकार को फटकार लगाई। इसके बाद राज्य सरकार के मंत्री ए सी मोइदीन ने कहा कि राज्य सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और कानून का पालन करने के प्रति बाध्य है।
उच्चतम न्यायालय ने आठ मई को आदेश दिया था कि एक महीने के भीतर चार भवनों को गिरा दिया जाए, जिन्हें अधिसूचित सीआरजेड क्षेत्र में बनाया गया है। केरल सरकार के स्थानीय स्टाफ मंत्री मोइदीन ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार की अपनी सीमाएं हैं। उन्होंने कहा, “एक मात्र विकल्प कानून का पालन करना है। हम केवल अदालत के जरिए समाधान पा सकते हैं। इस मामले में सरकार की अपनी सीमाएं हैं। राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए बाध्य है।”
मोइदीन ने मीडिया से कहा, “हम सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ रुख नहीं अपना सकते हैं। हम ये समझने की कोशिश करेंगे कि न्यायालय ने अपने अंतिम आदेश में क्या कहा है और उसके अनुरूप कार्रवाई करेंगे।” शीर्ष अदालत ने कहा है कि वह यह जानकर हैरान है कि तटीय इलाकों में गैर कानूनी निर्माण हो रहे हैं और कहा कि इस संबंध में मुख्य सचिव को यह पता करने के लिए एक सर्वेक्षण करना चाहिए कि प्रकृति को कितना नुकसान पहुंचा है।
न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए मुख्य सचिव टॉम जोस ने संवाददाताओं से कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करना एक संवैधानिक कर्तव्य है। आवास संघ के कुछ प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें अभी भी उम्मीद है कि सर्वोच्च न्यायालय उनकी फरियाद सुनेगा। राज्य मंत्री एम एम मणि ने कहा कि न्यायालय को क्षतिपूर्ति मुहैया कराने के लिए बिल्डर की जवाबदेही तय करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन भवनों को गिराना आसान नहीं है क्योंकि वहां सैकड़ों परिवार रह रहे हैं।