Edited By vasudha,Updated: 29 Nov, 2018 02:40 PM
महाराष्ट्र की आबादी में 31 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले मराठा समुदाय को बड़ी राहत मिली है। फडणवीस सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए शिक्षा और रोजगार के मामले में मराठा समुदाय को 16 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव रखा है...
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र की आबादी में 31 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले मराठा समुदाय को बड़ी राहत मिली है। महाराष्ट्र सरकार मराठा समुदाय को 16 फीसदी आरक्षण देने पर सहमत हो गई है। सरकार ने वीरवार शिक्षा और रोजगार के मामले में मराठा समुदाय को आरक्षण देने का प्रस्ताव रखा, जिसे विधानसभा में मंजूर कर लिया गया। अब इसे विधान परिषद में पेश किया जाएगा।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण देने संबंधी राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (एसबीसीसी) की सिफारिशों पर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) सदन में रखी। रिपोर्ट के आधार पर तैयार किए गए मसौदा विधेयक में कहा गया कि सरकार को ऐसा लगता है कि मराठा समुदाय को 16 फीसदी आरक्षण देना उचित है।
विधेयक का मसौदा और एटीआर की प्रतियों को वितरित किया गया। एटीआर के साथ ही फड़णवीस ने मराठा समुदाय के सामाजिक, शैक्षिक तथा आर्थिक दर्जे के बारे में एसबीसीसी की अंतिम सिफारिशों और निष्कर्षों को भी पेश किया। विधानसभा से मराठा आरक्षण विधेयक मंजूर होने के बाद इससे राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा, फिर राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मुहर लगते ही राज्य में मराठा आरक्षण लागू हो जाएगा।
इससे पहले बुधवार को ही मराठा आरक्षण को लेकर विधानसभा स्पीकर ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। बैठक में सीएम देवेंद्र फडणवीस, कैबिनेट की उप समिति सहित विपक्ष के सभी नेता मौजूद रहे। सरकार मराठा आरक्षण को लेकर आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही थी। सदन में मराठा समाज के लिए रिपोर्ट और बिल ड्राफ्ट पर चर्चा भी हुई।