Edited By Monika Jamwal,Updated: 06 May, 2020 04:11 PM
कोरोना वारयस की रोकथाम के लिए देशभर में 24 मार्च को प्रधानमंत्री ने लाकडाउन की घोषणा की और इस घोषणा के बाद एक ओर जहां काम धंधा सब बंद हो गया वहीं जो जहां था वहीं फंस गया। इसमें सबसे अधिक संख्या बाहरी मजदूरों की है।
जम्मू : कोरोना वारयस की रोकथाम के लिए देशभर में 24 मार्च को प्रधानमंत्री ने लाकडाउन की घोषणा की और इस घोषणा के बाद एक ओर जहां काम धंधा सब बंद हो गया वहीं जो जहां था वहीं फंस गया। इसमें सबसे अधिक संख्या बाहरी मजदूरों की है। जम्मू शहर के कई ऐसे क्षेत्र है जहां आज भी बाहरी राज्यों के मजदूर फंसे हुए हैं और वे अपने-अपने घरों को जाना चाहते हैं। इसी संबंध में मार्बल वर्कर यूनियन के महासचिव मुकेश कुमार यादव ने जिला उपायुक्त से मांग की कि मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए प्रबंध किए जाएं क्योंकि यहां न तो उनके पास राशन है और न ही पैसे हैं। गत 10 दिनों से कोई भी राशन के लिए उनकी सहायता के लिए आगे नहीं आया है।
सैंकड़ों की संख्या में बाहरी राज्यों के मजदूर जम्मू में फंसे हुए है और इन सभी मजदूरों की सूची श्रम विभाग को 10-12 दिन पहले दे दी गई थी और निवेदन किया गया था कि जब तक हमें घर नहीं भेजा जाता तब तक हमें राशन उपलब्ध कराया जाए। लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई सहायता नही दी गई है। अभी भूखे मरने की नौबत आ रही है। छोटे छोटे बच्चे भुखमरी का शिकार होते जा रहे है। जो किराए के मकानों में रहते हैं उनके पास किराया देने के लिए पैसे नहीं है। राशन की दुकान पर अब उधार में राशन भी नहीं मिलता है। वहीं एक अन्य लेबर लीडर राम बच्चन राव ने कहा कि पुलिस भी हमारी सूची ले जा चुकी है लेकिन आज तक किसी ने राशन तक उपलब्ध नहीं कराया है जोकि गरीब मजदूरों के साथ अन्याय है। श्रम विभाग ने भी उनकी सुध नहीं ली है जबकि श्रम विभाग के पास भी सूची उपलब्ध कराई गई है।
मुकेश कुमार ने कहा कि जब भी श्रम विभाग से बात करते हैं तो जवाब मिलता है कि सूची को संबंधित अधिकारियों को आगे भेज दिया गया और अब राशन बांटना उनका काम है। हमें कहा जा रहा है कि तहसीलदार से संपर्क करो। लेकिन अब प्रत्येक मजदूर अपने घर को जाना चाहता है फिलवक्त प्रशासन से मांग है कि हमें शीघ्र घरों की ओर भेजा जाए ताकि हमें यहां रोज-रोज सडक़ों पर बाहर न निकलना पड़े क्योंकि अब हमारे पास पैसे भी नहीं बचे हैं।