कश्मीरी आतंकवादियों के लिए धन जुटाने के लिए ब्रिटेन, खाड़ी और अफ्रीका गया था मसूद

Edited By Seema Sharma,Updated: 18 Mar, 2019 12:17 PM

masood went to britain africa to raise funds for kashmiri terrorists

आतंकी सरगना मसूद अजहर ने 1994 में भारत आने से पहले जम्मू-कश्मीर के आतंकवादियों के लिए धन जुटाने के लिए एक महीने तक इंग्लैड की यात्रा की थी और पाकिस्तानी मुद्रा के हिसाब से 15 लाख रुपए भी जुटाए थे।

नई दिल्लीः आतंकी सरगना मसूद अजहर ने 1994 में भारत आने से पहले जम्मू-कश्मीर के आतंकवादियों के लिए धन जुटाने के लिए एक महीने तक इंग्लैड की यात्रा की थी और पाकिस्तानी मुद्रा के हिसाब से 15 लाख रुपए भी जुटाए थे। हालांकि अजहर ने इस दौरान शारजाह और सऊदी अरब की भी यात्रा की लेकिन उसे यहां से उसे सहयोग नहीं मिल सका। जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक अजहर भारत में कई आतंकी हमले करने के लिए जिम्मेदार है। 2001 में संसद पर हुए हमले और पिछले महीने पुलवामा में हुए हमले के लिए भी जैश जिम्मेदार है। अजहर ने 1986 में अपने वास्तविक नाम और मूल पते से पाकिस्तान का पासपोर्ट हासिल किया था और अफ्रीका तथा खाड़ी देशों की यात्रा की। लेकिन उसने यह महूसस किया कि अरब के देश ‘कश्मीर के मुद्दे’ पर सहानूभूति नहीं रखते हैं। सुरक्षा एजेंसियों के पास अजहर से पूछताछ की जो रिपोर्ट है, उसके मुताबिक उसने 1992 में ब्रिटेन की यात्रा की थी।


15 लाख रुपए जमा किए थे मसूद ने 

  • लंदन के साउथहॉल के मस्जिद के इमाम मुफ्ती स्माइल ने अजहर की यात्रा में मदद की थी। स्माइल मूल रूप से गुजरात से है और उसने कराची में दारूल इफ्ता वल इरशाद से पढ़ाई की।
  • अजहर ने पूछताछ करने वाले अधिकारियों को बताया था कि वह एक महीने तक मुफ्ती स्माइल के साथ रहा और बर्मिंघम, नॉटिंघम, बर्ले, शेफिल्ड, डड्सबरी और लाइकेस्टर के मस्जिदों की यात्रा की और कश्मीर (आतंकवादियों) के लिए वित्तीय सहायता मांगी। मैं पाकिस्तानी मुद्रा में 15 लाख रुपए जमा कर लिया।
  • वहीं 1990 के शुरुआत में अजहर ने सऊदी अरब, अबू धाबी, शारजाह, केन्या, जाम्बिया की यात्रा की और जम्मू-कश्मीर के आतंकी संगठनों के लिए धन जुटाए। अजहर ने सऊदी अरब में इस तरह की सहायता देने वाले दो मुख्य एजेंसियों से संपर्क किया लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। इनमें से एक जमियत-उल-इस्लाह भी था, यह जमात-ए-इस्लामी का सहयोगी है।
  • अरब के देश कश्मीर के मुद्दे के लिए सहायता नहीं देना चाहते थे। अजहर 19 जनवरी 1994 को पुर्तगाल के फर्जी पासपोर्ट के साथ नई दिल्ली पहुंचा।
  • अजहर सबसे पहले दिल्ली के पॉश इलाके चाणक्यपुरी के अशोका होटल में रूका। उसने आव्रजन अधिकारियों के पुर्तगाली के पासपोर्ट रखने के जवाब में कहा था कि वह ‘जन्म से गुजराती’ है। लेकिन इस आतंकवादी को अगले दो सप्ताह के भीतर जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार कर लिया गया।
  • अजहर की पूछताछ रिपोर्ट के मुताबिक वह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के होटल ‘जनपथ’ में भी रूका था और उसने लखनऊ, सहारनपुर और मदरसा दारूल-उलूम देवबंद का भी दौरा किया था।
  • अजहर नौ फरवरी, 1994 को श्रीनगर पहुंचा और वह लाल बाजार के मदरसा कासमियान में रूका। इसके बाद शाम में सज्जाद अफगानी नाम का एक आतंकवादी अपने हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी के उपायुक्त अमजद बिलाल के साथ अजहर से मिलने आया। इसके बाद अगले दिन 10 फरवरी को अफगानी उसे माटीगुंड नाम की एक जगह पर ले गया जहां पाकिस्तान के आतंकवादी जुटे हुए थे।
  • रिपोर्ट के मुताबिक माटीगुंड से अजहर अफगानी और फारूक नाम के एक व्यक्ति के साथ लौट रहा था लेकिन उनकी कार में कुछ खराबी आ गई। इसके बाद अजहर और उसके सहयोगियों ने एक ऑटो में अनंतनाग की ओर गए। करीब 2-3 किलोमीटर तक जाने के बाद सेना के एक कर्मी ने ऑटो रिक्शा रोकी।
  • अजहर ने पूछताछ के दौरान बताया था कि फारूक ने दौडऩा और गोली चलाना शुरू कर दिया। इसके बाद सेना के जवान ने भी गोली चलाई। फारूक भागने में सफल रहा लेकिन मैं और अफगानी गिरफ्तार कर लिए गए।
  • अजहर को 1999 में दो अन्य आतंकवादियों के साथ एक भारतीय विमान के यात्रियों के बदले छोड़ दिया गया। अफगानिस्तान के कंधार में आतंकवादियों ने विमान का अपहरण कर लिया था।

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