Edited By Seema Sharma,Updated: 18 Feb, 2019 10:35 AM
जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में बारुदी सुरंग में लगे उच्च शक्तिशाली विस्फोटक (आईईडी) को निष्क्रिय करते समय जोरदार विस्फोट में मेजर चित्रेश बिष्ट शहीद हो गए थे। सोमवार को उनकी आखिरी विदाई यात्रा में भारी जनसमूह उमड़ा।
देहरादून: जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में बारुदी सुरंग में लगे उच्च शक्तिशाली विस्फोटक (आईईडी) को निष्क्रिय करते समय जोरदार विस्फोट में मेजर चित्रेश बिष्ट शहीद हो गए थे। सोमवार को उनकी आखिरी विदाई यात्रा में भारी जनसमूह उमड़ा। आज उनका सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। शहीद मेजर चित्रेश की अंतिम यात्रा में लोगों ने वंदे मातरम् और जवान अमर रहे के नारे लगाए। वहीं जहां उनका परिवार मेजर की शहादत पर गम है तो दूसरी ओर परिजनों ने कहा कि गर्व है उनका बेटा भारत मां की सेवा करता हुआ शहीद हुआ।
शहीद मेजर चित्रेश का पार्थिव शरीर रविवार को वायुसेना के विमान से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया था। इस दौरान वहां सेना के अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीद के पार्थिव शरीर को एयरपोर्ट से सीधे सेना के अस्पताल में ले जाया गया। मेजर चित्रेश उत्तराखंड पुलिस के सेवानिवृत्त निरीक्षक एस. एस. बिष्ट के पुत्र थे। उनकी शहादत की सूचना मिलते ही परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। गमगीन परिवार को ढांढस बंधाने के लिए उनके घर पर लोगों का तांता लग गया।
मेजर चित्रेश का परिवार राजधानी के नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में रहता है। उनकी 7 मार्च को शादी तय की गई थी। जिस बेटे को नई दुनिया बसानी थी। बह अब इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह चुका है। गौरतलब है कि मेजर चित्रेश कश्मीर के राजौरी में शनिवार को आईईडी धमाके में शहीद हो गए। धमाका उस वक्त हुआ, जब वह सुरंग में बिछी आईईडी को निष्क्रिय कर रहे थे। मेजर चित्रेश भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से वर्ष 2010 में पासआउट हुए थे। वर्तमान में वह सेना की इंजीनियरिंग कोर में थे।