Edited By Seema Sharma,Updated: 01 Jul, 2018 08:43 AM
कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्व ने विधानसभा चुनावों में बसपा के साथ गठबंधन के पक्ष में सार्वजनिक बयान दिया है। ऐसे ही बयान छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेतृत्व द्वारा दिए गए हैं मगर मायावती खामोश हैं और उन्होंने इस...
नेशनल डेस्कः कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्व ने विधानसभा चुनावों में बसपा के साथ गठबंधन के पक्ष में सार्वजनिक बयान दिया है। ऐसे ही बयान छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेतृत्व द्वारा दिए गए हैं मगर मायावती खामोश हैं और उन्होंने इस संबंध में एक भी शब्द नहीं कहा। वह हर समय सभी राजनीतिक पाॢटयों के साथ बातचीत कर रही हैं। उनकी कांग्रेस के साथ कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कर्नाटक में देवेगौड़ा की जद (एस) के साथ गठबंधन किया और वहां अपना खाता खोला। जद (एस) लोकसभा के चुनाव भी बसपा के साथ गठबंधन कर लडऩे की इच्छुक है।
कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर बेंगलूर में खींची गई फोटो वायरल हुई है जहां सोनिया गांधी और मायावती एक-दूसरे को गले लगाकर मिल रही हैं मगर कांग्रेस और मायावती के बीच अभी तक किसी गठबंधन या सीटों के तालमेल पर चर्चा नहीं हुई। दोनों पक्ष इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे। मायावती ने संकेत दिया है कि वह कांग्रेस के साथ न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और दिल्ली में भी अखिल भारतीय गठबंधन चाहेंगी। वह गुजरात और कर्नाटक में भी गठजोड़ चाहती हैं।
अगर मायावती पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में 3-3 सीटें और दिल्ली में एक सीट चाहती हैं तो महाराष्ट्र में लोकसभा की 4 और मध्य प्रदेश में 5 सीटों के अलावा छत्तीसगढ़ व गुजरात में भी 2-2 सीटों पर उनकी नजर है। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 20 सीटें चाहती है मगर मायावती उसे 5-7 सीटों से अधिक देने की इच्छुक नहीं हैं इसलिए स्थिति बहुत ही पेचीदा है तथा दोनों में से कोई भी प्रत्यक्ष रूप में वार्ता शुरू करने की इच्छुक नहीं है।