यहां भी अपने पार्षद रूठे ही रहे...

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Jan, 2018 04:28 PM

mc meeting

प्रशासक द्वारा निगम सदन को संबोधित करने के दौरान मेयर देवेश मोदगिल के बयान पर चंडीगढ़ के कांग्रेस नेताओं को गुस्सा भी आया। अपने संबोधन में मोदगिल ने कह डाला कि चंडीगढ़ में वर्ष 1996 में नरेंद्र मोदी पार्टी के प्रभारी बने व नगर निगम का गठन हुआ, जबकि...

चंडीगढ़, (राय): प्रशासक द्वारा निगम सदन को संबोधित करने के दौरान मेयर देवेश मोदगिल के बयान पर चंडीगढ़ के कांग्रेस नेताओं को गुस्सा भी आया। अपने संबोधन में मोदगिल ने कह डाला कि चंडीगढ़ में वर्ष 1996 में नरेंद्र मोदी पार्टी के प्रभारी बने व नगर निगम का गठन हुआ, जबकि वास्तविकता यह है कि निगम के गठन में कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद पवन बंसल का महत्वपूर्ण योगदान रहा। बंसल ने कहा कि मेयर देवेश मोदगिल ने प्रशासक का सदन में अभिभाषण करवाकर इसकी गरिमा को बढ़ाया है। किंतु अभिभाषण में विकास कार्यों की बात करने की बजाय उन्हें व्यवहारिक रूप में लागू करना ज्यादा अच्छा रहेगा। बंसल ने निगम सदन में प्रशासक के आने को एक अच्छी पहल बताया पर कहा कि उन्होंने सभी पुरानी योजनाओं का जिक्र किया पर भविष्य के बारे में खामोश रहे। उनका कहना था कि बेहतर होता अगर वह वित्तीय संकट से जूझ रहे निगम को कोई विशेष पैकेज या राजस्व अर्जित करने वाले विभाग देकर जाते। उनका कहना था कि निगम में तथा केंद्र में अब बाजपा सत्ता में है तो फिर संविधान के 74वें अनुच्छेद के तहत निगम को उसके सारे अधिकार मिलने चाहिए।


शहर के सामने बहुत सी चुनौतियां :
मोदगिल ने कहा कि शहर के सामने बहुत सी चुनौतियां है जिनमें मुख्य रूप से आॢथक कठिनाइयां, काजोली से अतिरिक्त पानी लाना, पार्कों सड़कों सामुदायिक केंद्रों के  निर्माण एवं रखरखाव, प्राथमिक शिक्षा एवं प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा में सुधार, सौंदर्यीकरण स्व४छता एवं सफाई व्यवस्था, डमिं्पग ग्राऊंड, वेस्ट ट्रीटमैंट, सामुदायिक पार्किंग व्यवस्था एवं स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट को शुरू करवाकर विकास को गति प्रदान करना एवं शहर के विकास की निर्णय प्रक्रिया में जन-भागेदारी को सुनिश्चित करना।

प्रशासक का अभिभाषण अच्छी शुरूआत :
चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन ने कहा कि निगम सदन में प्रशासक का अभिभाषण अच्छी शुरूआत है। पक्ष-विपक्ष को भी एक साथ आने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि शहर के विकास में पक्ष-विपक्ष दोनों को मिलकर सकारात्मक जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

चावला बोले-1997 में भी प्रशासक निगम सदन में आए थे पर अभिभाषण नहीं हुआ था :
पूर्व मेयर सुभाष चावला ने कहा कि वर्ष 1997 में भी प्रशासक निगम सदन में आए थे पर अभिभाषण नहीं हुआ था। उनका कहना था कि यह एक अच्छी  शुरूआत है पर प्रशासक का अभिभाषण राजनीतिक था। उन्होंने कहा कि आज जो उन्होंने कार्य गिनवाए उनमें से अधिकांश तो कांग्रेस के कार्यकाल में हुए। यहां तक कि ओपन जिम स्थापित करने की योजना कांग्रेस महापौर प्रदीप छाबड़ा के समय में हुई थी। उनका कहना था कि प्रशासक को मिसगाइड किया गया। जिस कारण वह केवल उन्हीं कार्यों के गिनाते रहे जो हो चुके हैं व भविष्य का कोई रोडमैप उन्हें नहीं दिया गया। 

भाजपा के रूष्ट पार्षदों का गुट रूष्ट ही रहा : 
मेयर देवेश मोदगिल द्वारा प्रशासक का अभिभाषण करवाए जाने का श्रेय पूर्व सांसद तक ने उन्हें दे दिया पर भाजपा के रूष्ट पार्षदों के गुट ने नहीं दिया। अभिभाषण के बाद पूर्व मेयर अरुण सूद का कहना था कि प्रशासक को निगम सदन में आने का न्यौता तो पूर्व महापौर आशा जसवाल ने दिया था व आज जो 17 काम उन्होंने अपने अभिभाषण में गिनवाए उनमें से 15 उनके कार्यकाल में शुरू हुए व 2 आशा जसवाल के कार्यकाल में। इस गुट के पार्षदों का कहना था कि निगम के संचालन के लिए पैट्रोल पंप भी आशा जसवाल के कार्यकाल में हो गए थे पास पर प्रशासक ने घोषणा आज की है। 

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