Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Aug, 2017 11:46 AM
अपने बेटे को 2015 में खो देने के बाद मीणा और उनके पति के घर अकेलेपन से जूझ रहे थे लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी।
नई दिल्ली: अपने बेटे को 2015 में खो देने के बाद मीणा और उनके पति के घर अकेलेपन से जूझ रहे थे लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी। दिल्ली के इस कपल ने आईवीएफ तकनीक का सहारा लिया और महिला ने 64 साल की उम्र में एक बेटे को जन्म दिया। बुजुर्ग दंपती बच्चे को जन्म देकर काफी खुश हैं, क्योंकि उन्हें उनके बुढ़ापे का सहारा मिल गया। संदिग्ध परिस्थितियों में बेटे की मौत के बाद मीणा और उनके पति की के लिए जिंदगी का सफर काफी मुश्किल हो गया था। विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी की तकनीक ने एक बार फिर से उनके जीवन में खुशियां भर दी हैं।
चमेली के 65 वर्षीय पति जगदीश 62 की उम्र में एक पीएसयू से रिटायर हुए थे। इस दंपती ने अपने बेटे का नाम अरमान रखा है। इस उम्र में बच्चे का पिता बनने पर बात करते हुए उन्होंने कहा, 'हम हर 6 महीने में हेल्थ चेकअप करवाते हैं ताकि खुद को स्वस्थ रख सकें और अपने बच्चे को बड़ा होते देख सकें, उसका पालन-पोषण कर सकें। जानकारों का कहना है कि कि 50 से ज्यादा की उम्र में आईवीएफ ट्रीटमेंट लेने वाले ज्यादातर कपल ऐसे होते हैं, जो किसी ऐक्सिडेंट या घटना में अपना बच्चा खो चुके होते हैं. पिछले साल पंजाब की एक 72 साल की महिला ने आईवीएफ तकनीक के जरिए बेटे को जन्म दिया था.
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