लोकसभा चुनाव 2019  : अपना गढ़ अनंतनाग भी नहीं बचा सकीं महबूबा

Edited By Monika Jamwal,Updated: 23 May, 2019 06:11 PM

mehbooba failed to save anantnag seat

मुख्यमंत्री बनने के चलते 2016 में महबूबा मुफ्ती ने अनंतनाग सीट छोड़ दी थी। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पी.डी.पी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को अपनी हार शायद पहले ही नजर आ गई थी, तभी तो उन्होंने एग्जिट पोल के नतीजों के बाद ही ट्वीट कर ऐसा कहा था कि...

श्रीनगर (मजीद)  : मुख्यमंत्री बनने के चलते 2016 में महबूबा मुफ्ती ने अनंतनाग सीट छोड़ दी थी। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पी.डी.पी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को अपनी हार शायद पहले ही नजर आ गई थी, तभी तो उन्होंने एग्जिट पोल के नतीजों के बाद ही ट्वीट कर ऐसा कहा था कि बीजेपी की हार या जीत दुनिया का अंत नहीं। खैर 23 मई को आए नतीजों के बाद उनका अंदाजा सही साबित भी हो गया। महबूबा अनंतनाग से चुनाव हार गई। ये सीट उनका गढ़ मानी जाती थी। 2014 में महबूबा की पार्टी पी.डी.पी. ने बारामुला, श्रीनगर और अनंतनाग सीटों पर जीत दर्ज की थी। अनंतनाग से वे खुद मैदान में थीं लेकिन 2016 में मुख्यमंत्री बनने के चलते उन्होंने ये सीट छोड़ दी थी। 


महबूबा मुफ्ती अक्सर सांप्रदायिक पार्टी को घाटी से दूर रखने की बात किया करती थीं, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के साथ राज्य में गठबंधन की सरकार बनाई। हिंदूवादी सांप्रदायिक पार्टी के तौर पर जानी जाने वाली बीजेपी के साथ हाथ मिलाना जम्मू-कश्मीर के लोगों को पसंद नहीं आया। हालांकि 2018 में ये गठबंधन टूट गया और राज्यपाल शासन लग गया। इसके बाद महबूबा अक्सर ये बताती रहीं हैं कि बीजेपी के साथ गठबंधन उनकी सबसे बड़ी गलती थी लेकिन उनके इस रवैये ने उनके कोर वोटर को उनसे दूर कर दिया।  

PunjabKesari
2016 में हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर, बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में भडक़ी हिंसा के दौरान कई नाबालिग बच्चे भी मरे थे। जब इस बारे में महबूबा से सवाल किया गयाए तो उनका जवाब था, ये लोग क्या आर्मी के कैंप में दूध या टॉफी लेने गए थे। इस बयान ने जम्मू-कश्मीर में उनके खिलाफ हवा बनाने का काम किया।
महबूबा की छवि घाटिवासियों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का जमकर विरोध करने वाले की रही है, लेकिन जब उन्होंने बीजेपी का दामन थामा तो उनके तेवर ही बदल गए थे। वे बीजेपी और सेना समर्थक बयान देते नजर आने लगीं। लेकिन अब बीजेपी का साथ छोडऩे के बाद वे पुन: अपनी पुरानी छवि गढऩे में जुटी हैं, जो बात लोगों के गले नहीं उतरी।

PunjabKesari 


आतंकवादियों की चुनाव बहिष्कार की धमकी के कारण अनंतनाग में इस बार सबसे कम मतदान हुआ है। यहां तीन फेज में चुनाव कराया गयाए जिसमें करीब 12 फीसदी मतदान हुआ। यहां के बिजबिहाडा के 40 मतदान केंद्रों में तो एक भी वोट नहीं डाला गया। अब जिस जगह महबूबा का वोट बैंक था वहीं वोटिंग का प्रतिशत इतना कम रहेगा तो उनकी हार तो होनी ही थी।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!