Edited By Monika Jamwal,Updated: 13 May, 2019 11:23 AM
तमाम वादों, दावों के बाद भी महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। अभी राजस्थान के अलवर में एक दलित महिला से सामूहिक दुष्कर्म का मामला शांत भी नहीं हुआ कि कश्मीर में 3 साल की मासूम के साथ दरिंदगी की वारदात ने एक बार फिर मानवता को...
श्रीनगर : तमाम वादों, दावों के बाद भी महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। अभी राजस्थान के अलवर में एक दलित महिला से सामूहिक दुष्कर्म का मामला शांत भी नहीं हुआ कि कश्मीर में 3 साल की मासूम के साथ दरिंदगी की वारदात ने एक बार फिर मानवता को शर्मशार किया। पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है तो प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस पर रोष जताते हुए इस क्रम में शरिया कानून का भी जिक्र किया है।
बांडीपुरा जिले के सुम्बल इलाके में 3 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म की घटना को लेकर एसआईटी के गठन का ऐलान शनिवार को किया गया, जिसमें राज्य पुलिस के कई शीर्ष अधिकारी हैं। आरोपी को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है, जो स्थानीय युवक बताया जा रहा है। उसकी उम्र 20 साल के आसपास बताई गई है। हालांकि पुलिस का कहना है कि आरोपी की सही उम्र का पता वैज्ञानिक तरीके से लगाया जाएगा और इसके लिए मेडिकल टेस्ट होगा।
इस घटना से लोगों में गहरा रोष है। लोगों ने इसके विरोध में शांति मार्च निकाला तो रेपिस्ट को फांसी दिए जाने की मांग भी की। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी घटना पर गहरा दुख व रोष व्यक्त करते हुए नाराजगी जताई। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि सुम्बल में तीन साल की मासूम के साथ रेप के बारे में सुनकर सदमे में हूं। किस तरह के पथभ्रष्ट लोग ऐसे घृणित कार्यों को अंजाम देते होंगे। उन्होंने आगे लिखा कि समाज अक्सर महिलाओं को अवांछित आकर्षण को आमंत्रित करने के लिए दोषी ठहराता है, लेकिन इस मासूम की क्या गलती थी।
उन्होंने शरिया कानून का जिक्र करते हुए लिखा कि ऐसे वक्त में शरिया कानून अधिक असरदार प्रतीत होता है, जिसमें बच्चों के साथ ऐसे घृणित वारदात को अंजाम देने वालों की पत्थर मारकर जान ले ली जाती है।