मेहुल चोकसी की बढ़ेंगी मुश्किलें, भारत ने एंटीगुआ को सौंपा प्रत्यर्पण का अनुरोध पत्र

Edited By Yaspal,Updated: 05 Aug, 2018 11:14 PM

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भारत ने भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ को एक अनुरोध पत्र सौंपा है। उस पर भारत की सबसे बड़ी बैंकिंग धोखाधड़ी कांड में संलिप्त रहने का आरोप है। वह इस कैरिबाई देश की नागरिकता हासिल करने के बाद अभी वहां रह रहा है।

नई दिल्लीः भारत ने भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ को एक अनुरोध पत्र सौंपा है। उस पर भारत की सबसे बड़ी बैंकिंग धोखाधड़ी कांड में संलिप्त रहने का आरोप है। वह इस कैरिबाई देश की नागरिकता हासिल करने के बाद अभी वहां रह रहा है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ के अधिकारियों से अनुरोध करने के वास्ते विदेश मंत्रालय और अन्य एजेंसियों से एक भारतीय टीम कुछ दिन पहले एंटीगुआ भेजी गई है। चोकसी भारत में दो अरब डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी कांड में वांछित है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘‘टीम ने कैरीबियाई देश के विदेश मंत्रालय अधिकारियों से कल मुलाकात की और चोकसी को भारत प्रत्र्यिपत कराने के लिए एक अनुरोध पत्र सौंपा था।’’ टीम ने चोकसी के खिलाफ मामले का ब्यौरा भी पेश किया। वह हीरा कारोबारी नीरव मोदी के साथ घोटाले का कथित सरगना है। उसके खिलाफ सीबीआई और ईडी की जांच चल रही है।

खबरों के अनुसार, चोकसी के नागरिकता आवेदन को रोकने के संबंध में भारत द्वारा प्रतिकूल रिपोर्ट नहीं दिए जाने पर एंटीगुआ के अधिकारियों ने नवंबर 2017 में उसे वहां की नागरिकता दे दी थी। चोकसी इस साल चार जनवरी को भारत से भाग गया था और उसने 15 जनवरी को एंटीगुआ में निष्ठा की शपथ ली थी। उसकी नागरिकता को नवंबर 2017 में मंजूरी मिली थी। एंटीगुआ के अखबार डेली आबजर्वर ने इस बात का जिक्र किया है कि मई 2017 में एंटीगुआ में नागरिकता के लिए चोकसी के आवेदन के साथ स्थानीय पुलिस का क्लीयरेंस भी था, जिसकी नियमों के मुताबिक जरूरत होती है।  इसने इस बात का जिक्र किया है कि मुंबई स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से पुलिस क्लीयरेंस र्सिटफिकट (पीसीसी) में कहा गया था कि चोकसी के खिलाफ कोई प्रतिकूल सूचना नहीं है जो उन्हें एंटीगुआ और बारबूडा के लिए वीजा सहित यात्रा सुविधाएं प्रदान करने से अयोग्य ठहरा सके।

चोकसी को दी गई पीसीसी के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह चोकसी के पासपोर्ट पर उस वक्त उपलब्ध एक स्पष्ट पुलिस सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर दिया गया था। इस बीच, बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा है कि एंटीगुआ के ‘निवेश के बदले नागरिकता प्राधिकरण’ को भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के बारे में कभी भी क्लीन चिट रिपोर्ट नहीं दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि सेबी चोकसी को नागरिकता देने को लेकर इस मामले में एंटीगुआ को नोटिस भेजने पर विचार कर रहा है।  वहीं, भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने केंद्र से कैरिबियाई देश के उस दावे का जवाब देने को कहा कि भारतीय अधिकारियों ने चोकसी को नागरिकता प्रदान देने के लेकर कोई प्रतिकूल रिपोर्ट नहीं दी थी।

राजा ने कहा, ‘‘यह सब मोदी सरकार की नाक के नीचे हो रहा था। चोकसी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गयी? उसने देश को लूटा, लोगों का धन लूटा और फरार हो गया। उसने दूसरे देश की नागरिकता ले ली। सरकारी एजेंसियों को इन सबके बारे में पता था। सरकार जवाब दे।’’

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