Edited By Monika Jamwal,Updated: 28 Jun, 2019 06:39 PM
भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित चमलियाल में लगने वाला ऐतिहासिक मेला आज धूमधाम से संपन्न होगया। मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और बाबा दलीप सिंह मन्हास की मज़ार पर माथा टेका।
साम्बा : भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित चमलियाल में लगने वाला ऐतिहासिक मेला आज धूमधाम से संपन्न होगया। मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और बाबा दलीप सिंह मन्हास की मज़ार पर माथा टेका। हालांकि इस बार भी सीमा पार यानि पाक से बाबा की दरगाह के लिए चादर न आने और पाक में बाबा के मानने वालों के लिए शक्कर-शर्बत का प्रशाद न भेजे जाने का मलाल श्रद्धालुओं को जरूर रहा।
जिले की डिप्टी कमिश्रर सुषमा चौहान आज चमलियाल मेले में पहुंची और दरगारह पर पहुंच कर पूजा की। इस मौके पर एस.डी.एम.-विजयपुर विजय कुमार शर्मा, तहसीलदार-रामगढ़ कमलप्रीत सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद थे। डिप्टी कमिश्रर ने दावा किया कि मेले के सफल आयोजन के लिए पर्याप्त प्रबंध किए गए थे और आज मेले के दौरान 2 लाख से अधिक श्रद्घालुओं ने भाग लिया। इनके अलावा जिला पुलिस प्रमुख एस.एस.पी. डॉ. कौशल शर्मा भी पुलिस अधिकारियों के साथ मेले में शिरकत की और माथा टेकने के बाद मेलास्थल पर सुरक्षा प्रबंधों का जायज़ा लिया।
इनके अलावा बीएसएफ के इंस्पेक्टर जनरल एन. एस. जम्वाल, डी.आई.जी. व कमांडेंट सहित विभिन्न अधिकारियों के साथ चमलियाल पहुंचे और दरगाह पर पहुंच कर परंपरागत रूप से चादर चढ़ाई। इस मौके पर चमलियाल मेला कमेटी के सदस्य भी उनके साथ थे। पूर्व मंत्री एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष मंजीत सिंह, पैंथर्स पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष राजेश पडग़ोत्रा, भाजपा नेता जयराम शर्मा सहित कई प्रमुख लोग, सरपंच-पंच मेले में पहुंचे और दरगाह पर पहुंच कर पूजा-अर्चना की। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मेला कमेटी व स्थानीय लोगों द्वारा जगह-जगह लंगर व छबीलें लगाई गई थी। मेले में खेल-झूलों के साथ ही खाने-पीने के स्टाल भी सजाए गए थे। मेले में लोगों खासतौर पर बच्चों ने खिलौनों आदि की जमकर खरीददारी की।
पुलवामा हमले और बालाकोट एयरस्ट्राईक का मेले पर दिखा असर
चमलियाल मेले के दौरान शून्य रेखा पर बीएसएफ और पाक रेंजर्स के बीच होने वाली फ्लैग मीटिंग मेले का मुख्य आकर्षण होती है। इस मीटिंग के दौरान दोनों पक्ष तनाव और शत्रुता को भुला कर मिलते हैं और पाक रेंजर्स यहां बाबा की मज़ार के लिए चादर सांैपते हैं तो बीएसएफ भी उन्हें बदले में मिठाईयों-उपहार के साथ पाक श्रद्धालुओं के लिए दरगाह का पवित्र जल (शर्बत) व मिट्टी (शक्कर) भेंट करते हैं। गत वर्ष पाक रेंजर्स द्वारा चमलियाल में बीएसएफ पर किए गए हमले के चलते यह मीटिंग नहीं हो पाई थी और मेला फीका रहा था तो इस बार पुलवामा हमले एवं बालाकोट एयरस्ट्राईक के बाद दोनों देशों के बीच बने तनावपूर्ण संबंधों के चलते फ्लैग मीटिंग और शक्कर-शर्बत के परंपरागत आदान-प्रदान नहीं हो पाया। बताया गया है कि इस बार न तो बीएसएफ द्वारा पाक को इस संबंध में बुलाया गया और न ही पाक की ओर से कोई आग्रह मिला।