Edited By vasudha,Updated: 02 Nov, 2020 11:25 AM
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के आह्वान पर गुर्जरों के आंदोलन ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समाज के युवा आज भी दिल्ली-मुंबई रेल लाईन पर बैठ गए, जिस कारण इस रूट की कई ट्रेनों के मार्ग में बदलाव करना पड़ा। कई जगह सड़क...
नेशनल डेस्क: गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के आह्वान पर गुर्जरों के आंदोलन ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समाज के युवा आज भी दिल्ली-मुंबई रेल लाईन पर बैठ गए, जिस कारण इस रूट की कई ट्रेनों के मार्ग में बदलाव करना पड़ा। कई जगह सड़क मार्ग को भी अवरुद्ध कर दिया गया है।
भारी पुलिस बल तैनात
आंदोलनकरियों का कहना है कि अब प्रतिनिधिमंडल सरकार से बातचीत करने कहीं नहीं जाएगा। अगर सरकार बात करना चाहती है, तो वे यहां आकर हमसे यहां पटरियों पर मिल सकते हैं। आंदोलन को लेकर राज्य में माहौल पूरी तरह से गर्मा गया है। भारी पुलिस बल होने के बावजूद पुलिस एवं प्रशासन असहाय स्थिति में नजर आ रहा है।
भीड़ ने किया जमकर हंगामा
बता दें कि रविवार को शुरू हुए आंदोलन के दौरान भीड़ ने दिल्ली-मुम्बई रेलवे ट्रैक पर कब्जा करने के बाद डूमरिया और फतेहसिंहपुरा रेलवे स्टेशनों के बीच पटरियों की फिश प्लेट को उखाड़ दिया। करीब एक किलोमीटर के रेलवे ट्रैक की फिश प्लेट उखाड़ दी गई थी। साथ ही भरतपुर के आगरा-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 21 के साथ बयाना-हिंडौन मार्ग को भी अवरुद्ध कर दिया है। राज्य के युवा व खेल मंत्री अशोक चांदना गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला से मिलने रविवार रात हिंडौन पहुंचे थे हालांकि उनकी मुलाकात नहीं हो सकी।
कई ट्रेनों का बदला मार्ग
उल्लेखनीय है कि गुर्जरों के एक प्रतिनिधि मंडल ने शनिवार को जयपुर में सरकार के साथ बातचीत की थी। उसके बाद दोनों पक्षों में 14 बिंदुओं पर सहमति बनी थी लेकिन कर्नल बैंसला इसमें शामिल नहीं हुए। इस बीच रेलवे ने राजस्थान के बयाना में गुर्जर आंदोलन को देखते हुए कई ट्रेनों का मार्ग बदल दिया है। उत्तर पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि गुर्जर आंदोलन के कारण हिंडौन सिटी-बयाना रेलखंड पर रेल यातायात अवरुद्ध होने के कारण सात गाड़ियों का मार्ग बदला गया है। इस बीच संभावित आंदोलन को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क है। कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयी हैं वहीं सरकार ने भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, टोंक, बूंदी, झालावाड़ व करौली जिले में पहले ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया है।