Edited By rajesh kumar,Updated: 20 Dec, 2020 04:45 PM
कोविड-19 संक्रमण के कारण समान उम्र और स्वास्थ्य की स्थिति वाली महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में जान का खतरा 30 प्रतिशत ज्यादा होता है। एक नए अध्ययन में यह जानकारी सामने आयी है।
नेशनल डेस्क: कोविड-19 संक्रमण के कारण समान उम्र और स्वास्थ्य की स्थिति वाली महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में जान का खतरा 30 प्रतिशत ज्यादा होता है। एक नए अध्ययन में यह जानकारी सामने आयी है। ‘क्लीनिकल इंफेक्शस डिजीजेस'' पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार कोविड-19 से संक्रमित पुरुष मरीज यदि मधुमेह, उच्च रक्तचाप या मोटापे से ग्रस्त हैं तो उनकी जान जाने का खतरा अधिक होता है।
शोध में अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन (यूएमएसओएम) के वैज्ञानिकों ने देश भर के 613 अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 के करीब 67,000 मरीजों का अध्ययन किया। अध्ययन में कहा गया है कि पहले से ही मोटापे, उच्च रक्तचाप या मधुमेह जैसी समस्याओं से जूझ रहे कोविड-19 से संक्रमित 20 से 39 वर्ष आयु वर्ग के रोगियों को अपने स्वस्थ साथियों की तुलना में जान का जोखिम ज्यादा था। अध्ययन के लेखक एंथनी डी हैरिस ने कहा कि इन सभी जानकारियों से संक्रमित रोगियों के उपचार में मदद मिल सकती है।
भारत में कोविड-19 मरीजों की संख्या में गिरावट
भारत में उपचाराधीन कोविड-19 मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। फिलहाल 3.05 लाख संक्रमित ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है जो देश में संक्रमित हुए कुल मरीजों का महज 3.04 प्रतिशत है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि प्रतिदिन ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि और प्रतिदिन मृतक संख्या में कमी की वजह से उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कमी आई है। मंत्रालय की ओर से बताया गया कि गत 24 घंटे में 29,690 मरीज ठीक हुए हैं जो संक्रमण के नए मामलों से अधिक है और इसकी वजह से कुल उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 3,407 मरीजों की कमी आई है।